बिहार में जमीन सर्वे को लेकर कैसे भरें वंशावली और स्वघोषणा पत्र, दूर करें प्रपत्र 2 और प्रपत्र 3 का कंफ्यूजन

बिहार में जमीन सर्वे को लेकर कैसे भरें वंशावली और स्वघोषणा प

PATNA: बिहार में लैंड सर्वे का काम 20 अगस्त से ही शुरू हो चुका है। इस सर्वे प्रक्रिया के तहत बिहार के 534 अंचलों के करीब 45 हजार गांवों में जमीन सर्वे का काम किया जायेगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि इस जमीन सर्वे कराने से ग्रामीण स्तर पर हो रहे आपसी विवाद में कमी आएगी। उन्होंने कई बार अपने भाषणों में कहा है कि ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर अपराधिक घटनाएं जमीन विवाद के कारण ही होती है। अब इस भूमि सर्वेक्षण में लोगों को अपने जमीन का सर्वे करवाने के लिए कई प्रकार के फार्म भरने है। उन फार्मों में से  दो सबसे महत्वपूर्ण फार्म है और वो है  प्रपत्र 2 एवं 3  जिसके भरने से आपको अपने भूमि सर्वेक्षण के दौरान काफी मदद मिलेगी। 

आइए आपको बताते है कि प्रपत्र 2 और 3 आखिरकार है क्या ? 

प्रपत्र 2 एक स्वघोषणा पत्र है। इसमें सरकार द्वारा कई तरह की जानकारी मांगी गई है। सबसे पहले आपको रैयत का नाम, पता, खाता, खेसरा, रकबा समेत जरूरी जानकारी भरनी होगी। इसके बाद आपको बताना होगा कि आपकी जमीन की किस्म यानी प्रकार क्या है। अगर जमाबंदी नहीं है तो घबराने की जरूरत नहीं है, उस कॉलम को खाली छोड़ देना है। अन्य कोई जानकारी मांगी गई है और उसका आपको ज्ञान नहीं है तो उसे भी खाली छोड़ सकते हैं। हालांकि आपको यह जरूर बताना होगा कि आपकी जमीन पर दावे का अधिकार कैसे है। यानी कि उक्त संपत्ति आपको दान में मिली है, उत्तराधिकार यानी विरासत में मिली है, आपने खरीदी है (केवाला) या बंदोबस्ती में प्राप्त हुई है।

जमीन सर्वे में प्रपत्र 3 कैसे भरें?

प्रपत्र 3 में जमीन मालिक अथवा आवेदनकर्ता को वंशावली भरनी होती है। यानी कि जो खातियान धारी हैं या फिर उनके वारिस हैं जो अपने नाम पर खाता खुलवाने चाह रहे हैं तो उनकी वंशावली के बारे में जानकारी इस फॉर्म में देनी होती है। इसमें सभी उत्तराधिकारियों के नाम की सही जानकारी भरें। यह भी एक तरह का स्वघोषणा पत्र है, इसके लिए आपको पंचायत या किसी सरकारी दफ्तर में जाकर वंशावली बनवाने की जरूरत नहीं है। बता दें राजस्व विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस भूमि सर्वेक्षण के दौरान सबसे महत्वपूर्ण कागजात वंशावली है। वंशावली के बिना जमीन सर्वे के दौरान मे बहुत परेशानी होगी।

Nsmch

पटना से रितीक की रिपोर्ट

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