ऐसे कैसे होगी पढ़ाई ! दो महीने बाद भी पटना में छात्रों को नहीं मिली किताब, मोकामा और घोसवरी में हाल बेहाल

पटना. राज्य सरकार ने 1 जून से गर्मी की छुट्टी की घोषणा की है। नया शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हुए करीब दो माह गुजर चुके हैं। गर्मी की छुट्टी के बाद जब स्कूल खुलेंगे तो एक माह और गुजर चुका होगा। लेकिन अब तक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को किताबें नहीं मिली हैं। ऐसे में शिक्षकों की बहाली के लिए चाहे कोई भी परीक्षा ली जाए, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करना मजाक से अधिक नहीं होगा। प्रदेश के पटना जिला अन्तर्गत घोसवरी प्रखंड में प्राथमिक विद्यालयों की कुल संख्या 40 है और प्रखंड में कुल 17 मध्य विद्यालय हैं। प्रखंड में कक्षा 1-8 में करीब 13000 बच्चे नामांकित हैं। लेकिन मात्र करीब 8200 बच्चों के लिए किताबें आई हैं।

पटना क घोसवरी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय घोसवरी में कक्षा एक में 22, दूसरी में 23, तीसरी कक्षा में 70,चौथी कक्षा में 45 और पांचवीं कक्षा में 72 बच्चे नामांकित हैं। पांचवीं कक्षा को छोड़ सारे बच्चों को किताबें मिल चुकी हैं। प्राथमिक विद्यालय रामनगर में कक्षा एक में नामांकित 14 बच्चों में सबों को किताबें मिल चुकी हैं।कक्षा दो के 24 बच्चों में 16 को, कक्षा तीसरी में नामांकित 50 बच्चों में 40 को,कक्षा चौथी में नामांकित 42 बच्चों में 36 को किताबें मिली हैं, जबकि कक्षा पांचवीं में नामांकित 38 बच्चों में एक को भी किताबें नहीं मिली हैं। 

प्राथमिक विद्यालय शोभा ठीका में कक्षा एक में नामांकित 17 बच्चों में सबों को किताबें मिल गई हैं। कक्षा दो के 22 बच्चों में मात्र 14 को,तीसरी कक्षा के 36 बच्चों में मात्र 25 को,चौथी कक्षा के 34 बच्चों में मात्र 30 को किताबें मिली हैं। जबकि पांचवीं कक्षा के 24 बच्चों में किसी को भी किताबें नहीं मिली।प्राथमिक विद्यालय सम्यागढ़ में कक्षा दूसरी में बच्चों की संख्या 57 है, लेकिन मात्र 40 बच्चे को ही किताबें दी गई हैं।कक्षा तीसरी में 63 बच्चे हैं लेकिन किताब मात्र 40 बच्चों को ही दी गई है तो वहीं कक्षा पांचवीं में नामांकित 42 बच्चों में किसी को भी अब तक किताबें नहीं दी गई हैं। वहीं प्रखंड के मध्य विद्यालय गोसाईं गांव में पहली कक्षा के 46 में 35 को,दूसरी कक्षा के 56 बच्चों में 50 को,तीसरी कक्षा के 73 में 52 बच्चों को,चौथी कक्षा के 74 में 55 बच्चों को,छठी कक्षा के 86 में 82 बच्चों को,सातवीं के 74 में 62 बच्चों को और आठवीं कक्षा के 56 में 49 बच्चों को किताबें मिली हैं जबकि कक्षा पांचवीं में नामांकित 68 बच्चों में से किसी को भी अब तक किताबें नहीं मिली हैं।

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इस मामले में मोकामा प्रखंड की स्थिती तो और भी बदतर है। मोकामा प्रखंड में कुल प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 74 है, जबकि प्रखंड में कुल 36 मध्य विद्यालय हैं। मोकामा प्रखंड में वर्ग 1-8 में कुल नामांकित बच्चों की संख्या करीब 24000 है। यहां स्कूलों में अब तक मात्र कक्षा पहली, चौथी और आठवीं के लिए ही पुस्तक आई हैं। उसमें भी कक्षा चौथी में पुस्तकों की संख्या इतनी कम थी की प्रखंड के करीब आधे स्कूलों में चौथी कक्षा की किताबें नहीं दी गई। 

प्राथमिक विद्यालय मेकरा बुजुर्ग में कक्षा दो में 66,कक्षा तीन में 63 और कक्षा पांचवीं में 91 बच्चे नामांकित हैं, किसी भी बच्चे को अब तक किताबें नहीं मिली है।जबकि कक्षा चार में नामांकित कुल 70 बच्चों में 62 बच्चों को ही किताबें दी गई हैं। प्राथमिक विद्यालय बरहपुर बिंद टोली में कक्षा दो में 87,तीन में 70, चौथी में 69 बच्चे हैं,जिनमें मात्र चौथी कक्षा के 48 बच्चों को ही किताबें मिली हैं।पांचवीं कक्षा में 70 बच्चे हैं, किसी को भी किताबें नहीं मिली है।प्राथमिक विद्यालय फटकवा टोला राजेश नगर में कक्षा एक में नामांकित 28 बच्चों में मात्र 17 बच्चों को और कक्षा चार में नामांकित 47 में मात्र 36 बच्चों को ही किताबें मिली हैं।कक्षा दो के 32,तीसरी के 46 और पांचवीं कक्षा के 51 बच्चों को अब तक किताबें नहीं मिली हैं।

प्राथमिक विद्यालय दरियापुर में कक्षा एक में नामांकित 29 बच्चों में मात्र 17 बच्चों को किताबें मिली है।जबकि विद्यालय के कक्षा दो में 71,तीसरी कक्षा में 43, चौथी में 31 और पांचवीं कक्षा में नामांकित 31 बच्चों को अब तक किताबें नहीं मिली हैं। प्रखंड के मध्य विद्यालय औंटा में कक्षा एक में 10 बच्चों में 6 को और कक्षा आठवीं में नामांकित 71 में 47 बच्चों को ही किताबें मिली हैं।जबकि विद्यालय में कक्षा दो में 29,तीसरी में 38, चौथी कक्षा में 41,पांचवीं में 47,छठी में 82 और सातवीं कक्षा में 73 बच्चे नामांकित हैं और किसी को किताबें नहीं मिली हैं। 

मध्य विद्यालय बाटा, हाथीदह में कक्षा एक में 9 बच्चे हैं, सबों को किताबें मिल गई।आठवीं में कुल 96 बच्चे नामांकित हैं और मात्र 70 बच्चों को ही किताबें मिली हैं। जबकि विद्यालय के कक्षा दो में 20,तीसरी में 28,चौथी में 28,पांचवीं में 38,छठी में 89 और सातवीं कक्षा में 92 बच्चे नामांकित हैं,किसी को भी किताबें नहीं मिली हैं।प्रखंड के अन्य विद्यालयों की भी यही स्थिति है।

अनुभव सिंह की रिपोर्ट