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सतुआनी को लेकर पटना के गंगा घाटों पर जुटी भारी भीड़, हजारों ने लगाई आस्था की डूबकी

सतुआनी को लेकर पटना के गंगा घाटों पर जुटी भारी भीड़, हजारों ने लगाई आस्था की डूबकी

PATNA : सतुआनी त्योहार को लेकर पटना सिटी के गाय घाट और कंगन घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। जहां लोग गंगा में डुबकी लगा कर भगवान विष्णु की पूजा की। बताया जाता है कि आज के दिन गंगा स्नान कर सत्तू और रवि फसल के फल दान करने का विशेष महत्व है।

सतुआन पर्व पर गंगा घाटों पर श्रधालुओ की भीड़ देखी जा रही है ,आज के दिन लोग सत्तू और गुड़ का सेवन करना लाभकारी मानते है । गंगा स्नान करने आये श्रद्धालु पूरी आस्था और विश्वाश के साथ विष्णु भगवान की पूजा कर अपने और अपने परिवार के शुख शांति की कामना की है

बिहार में इसे मनाने की परंपरा, पूजा विधि और महत्व

सतुआन मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है. यह बिहार के मिथिलांचल के लोगों द्वारा जुड़शीतल पर्व के नाम से भी मनाया जाता है और इसे मिथिला में नए साल की शुरुआत का प्रतीक कहा जाता है। यह ग्रीष्म ऋतु के स्वागत का पर्व है. 

क्यों मनाया जाता है सतुआन का त्योहार?

आमतौर पर हर साल सतुआन का त्योहार 14 या 15 अप्रैल को ही पड़ता है. इस साल यह पर्व 14 अप्रैल को पड़ रहा है. आपको बता दें कि इस दिन सूर्य राशि परिवर्तित करते हैं. इसी के साथ इस दिन से गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है. इसलिए इसे मेष संक्रांति भी कहते हैंसतुआन के दिन सत्तू खाने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है. इस दिन लोग मिट्टी के बर्तन में भगवान को पानी, गेहूं, जौ, चना और मक्का के सत्तू के साथ आम का टिकोरा चढ़ाते हैं. इसके बाद वह स्वयं इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।

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