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सचिव का इंतजार करते रहे प्रधान सचिव, 'राजा' के नजदीक रहने वाली लॉबी से बड़े-बड़े अधिकारी हैं हलकान

सचिव का इंतजार करते रहे प्रधान सचिव, 'राजा' के नजदीक रहने वाली लॉबी से बड़े-बड़े अधिकारी हैं हलकान

DESK: सूबे में अफसरशाही इस कदर बेलगाम है कि उसकी चर्चा भी बिल्कुल आम है,यानि कुछ साहेबों की साहेबगिरी इतने शबाब पर है कि बाकी साहेब बिल्कुल सकदम में पड़े हुए हैं. अफसरशाही से आम जन या जनप्रतिनिधि हैरान-परेशान तो हैं ही,वहीं नौकरशाहों का एक वर्ग भी खासा हलकान है. इतना ही नहीं सूबे के मुखिया भी पिछले विधानसभा चुनाव में उसका फल भुगत चुके हैं फिर भी सचेत नहीं हो रहे . साहेब लोगों के बीच में कुछ ऐसे साहेबों की ऐसी जमात है जिनका सूबे के सबसे बड़े साहब के साथ जबरदस्त सेंटिंग है। यह सेटिंग क्यों निभ रही है यह तो साहेब की एक जमात ही जाने लेकिन इस जमात ने कई साहेबों का मान-सम्मान आफत में कर रखा है। 


लॉबी का खामियाजा राजा भी भुगत चुके हैं

कहा जाता है कि प्रदेश में अधिकारियों की एक लॉबी ने एक बिसात बिछा रखी है कि उस बिसात से राजा भी नहीं निकल पा रहे हैं.वहीं, अधिकारियों का एक बड़ा वर्ग इनके वीवीआईपी शैली से परेशान है, या यूं कह सकते हैं कि ये लॉबी सत्ता के साथ होने का अपने ही साथियों को अहसास कराने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ती है। इसका उदाहरण यदा-कदा नहीं बल्कि कई अवसरों पर खुलेआम दिख जाता है। लेकिन क्या मजाल कि कोई चूं-चपड़ कर दे। 

सचिव ने प्रधान सचिव को कराया इंतजार

दरअसल, सरकार ने आज एक बड़ा निर्णय लिया था। वह निर्णय राजा के करीब रहने वाली आईएएस अफसरों की लॉबी से जुड़े एक अफसर के विभाग से था। सरकार इस बहुप्रतीक्षित निर्णय को जन-जन तक पहुंचाने का फरमान दिया। इसके बाद सरकार के निर्णय की जानकारी देने के लिए मंत्रालय के प्रधान सचिव कांफ्रेंस हॉल पहुंच गए। वे हॉल में पहुंचने से पहले जानकारी लेकर पहुंचे थे कि जिस विभाग का ये निर्णय है उसके सचिव अभी पहुंचे हैं या नहीं। जब प्रधान सचिव कांफ्रेंस हॉल पहुंचे तो सचिव महोदय पहुंचे ही नहीं थे। उनसे वरीय अधिकारी सभा कक्ष में पहुंचे थे,लेकन पावर हाऊस के नजदीक वाले हाकिम पहुंचे ही नहीं थे। सरकार का सबसे खास विभाग के प्रधान सचिव करीब 20 मिनट तक इंतजार करते रहे,तब जाकर संबंधित विभाग के सचिव महोदय पहुंचे,फिर कार्यक्रम शुरू हुआ।

विपक्ष के भी निशाने पर रहते हैं साहब

अब आप टेंशन में होंगे की आखिर वे कौन साहब हैं जो सत्ता के करीब हैं और जिन्होंने अपने से वरीय अधिकारी को इंतजार करवाया। हम आपको बता दें, ये वही आईएएस अफसर हैं जो हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. विपक्ष भी उनको हमेशा अपने निशाने पर रखता है। याद कीजिए जब एक शहर के लोगों को रातोंरात यह महसूस हुआ कि हम इटली के 'वेनिस' में हैं .साथ ही साथ वेनिस से आगे बढ़ते हुए जब मकान का पहला तल्ला भी तैरता नजर आया तो उस दौरान लोग शहर के साहब को शिद्दत से याद कर रहे हैं. लेकिन साहब खोजते नहीं मिले...बाद में पता चला कि हुजूर परदेस की यात्रा पर निकल गए। 



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