बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

मध्यमवर्ग को टैक्स में भारी राहत देने की तैयारी में केंद्र सरकार, आयकर कानून की जगह लागू होगा डायरेक्ट टैक्स कोड

मध्यमवर्ग को टैक्स में भारी राहत देने की तैयारी में केंद्र सरकार, आयकर कानून की जगह लागू होगा डायरेक्ट टैक्स कोड

N4N DESK: केंद्र सरकार के द्वारा अपने सबसे बड़े वोट बैंक को पूरी तरह साधने की कोशिश की जा रही है ।इसी के तहत मौजूदा आयकर कानून की जगह नया डायरेक्ट टैक्स कोड लाकर मध्यमवर्ग को टैक्स में बड़ी राहत देने की तैयारी में केंद्र सरकार जुट गई है। सूत्रों की माने तो नया डायरेक्ट टैक्स कोड का प्रस्ताव पूरी तरह तैयार कर सोमवार को उसकी रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंप दिया गया है।

 रिपोर्ट में डायरेक्ट टैक्स प्रणाली को बिल्कुल सरल बनाने की सिफारिश की गई है ।गौरतलब है  डायरेक्ट टैक्स कोड का मसौदा तैयार करने के लिए अखिलेश रंजन के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया था।उन्होंने नया डायरेक्ट टैक्स कोड का मसौदा तैयार कर निर्मला सीतारमण को सौंप दिया है ताकि एक विधेयक लाया जा सके।

 सूत्रों की माने तो नया डायरेक्ट टैक्स कोड में वर्तमान आयकर कानून के मुकाबले धाराओं की संख्या आधी से भी कम हो जाएगी। बताया यह भी जा रहा है कि नया डायरेक्ट टैक्स कोड आने के बाद डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। नया डायरेक्ट टैक्स कोड आने के बाद व्यक्तिगत और कॉरपोरेट करदाताओं को राहत मिलने की उम्मीद है।

 गौरतलब है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान 2017 में ही अखिलेश रंजन के नेतृत्व में नया डायरेक्ट टैक्स कोड का मसौदा तैयार करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया था जिसे 22 मई 2018 तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन मसौदा तैयार नहीं होने की वजह से इसका कार्यकाल दो बार बढ़ाया गया बढ़ाया गया।

 बता दें कि फिलहाल जिस इनकम टैक्स कानून के तहत केंद्र सरकार के द्वारा टैक्स वसूला जाता है वह 1961 में बना था। हालांकि इसमें कई संशोधन किए जा चुके हैं ,लेकिन सरकार आयकर कानून में पूर्णतया बदलाव के मूड में है और इसीलिए डायरेक्ट टैक्स कोड लाया जा रहा है, जो वर्तमान आयकर कानून के मुकाबले बिल्कुल सरल होगा। यूपीए सरकार के द्वारा भी 2010 में  प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक  संसद में पेश किया गया था लेकिन 15वीं लोकसभा  के समाप्त होने के साथ विधेयक भी समाप्त हो गया था ।

Suggested News