नीतीश-लालू में हिम्मत है तो अति पिछड़ा या दलित के बेटे को CM बनाएं...हमने तो खुली चुनौती दी है कि मेरा ही दस्तखत दिखा दें

नीतीश-लालू में हिम्मत है तो अति पिछड़ा या दलित के बेटे को CM बनाएं...हमने तो खुली चुनौती दी है कि मेरा ही दस्तखत दिखा दें

PATNA:  बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पेपर लीक मामले को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सीधे तौर पर कहा कि पेपर लीक सत्ता के संरक्षण में हो रहा है। उन्होंने साफ लहजे में सवाल उठाया कि अगर ऐसा नहीं है तो असफल लोगों को क्यों नहीं हटाया जाता। विजय सिन्हा ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर इन लोगों मे हिम्मत है तो अति पिछड़ा या दलित के बेटे को मुख्यमंत्री बना दें. 

भाजपा प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को सहयोग कार्यक्रम में लोगों की समस्या सुनने और उसके समाधान के प्रयास करने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि पेपर लीक मामले में अगर असफल लोगों को नहीं हटाया जाता है तो माना जाए कि इसमें सरकार की सहमति है। उन्होंने कहा कि नियुक्ति का ढोल पीटा जा रहा है, लेकिन हकीकत है कि प्रतिभा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक असफल लोगों को हटाया नहीं जाता ईमानदारी की या पारदर्शिता की कल्पना नहीं कर सकते। 

विजय सिन्हा ने नियुक्ति में हो रहे घोटालों की चर्चा करते हुए कहा कि आउटसोर्सिंग से जो बहाली हो रही है उसमें दूसरे राज्य के बच्चे को सिर्फ इस लिए लिया जा रहा है कि  उनसे ज्यादा उगाही हो। नियुक्ति के नाम पर उगाही का खेल खेला जा रहा है। उन्होंने सरकार से हाई कोर्ट के सीटिंग जज से बहाली की जांच करवाए जाने की मांग करते हुए कहा कि नियुक्ति पारदर्शी तरीके से हो इसकी पूरी व्यवस्था की जाए। पत्रकारों द्वारा दिल्ली में नक्सलवाद पर हो रही  बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल नहीं होने से संबंधित प्रश्न पर श्री सिन्हा ने कहा कि जातीय नरसंहार कराने वाले लोगों से जब से गलबहियां किए हैं, तो यह जातीय नरसंहार कराने वाले कौन लोग थे। उनसे गलबहियां करने के बाद उनकी हिम्मत नहीं बची है उग्रवाद, अपराध, आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई लड़ने का।

विजय सिन्हा ने कहा कि ये सत्ता के लिए राजद के सामने समर्पित हो चुके हैं।  तुष्टिकरण की मानसिकता में ये  वोट और सत्ता के लिए सबकुछ भूल गए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ये आतंकवादी उग्रवादी, अपराधी, किन के दामाद हैं और इनको कौन बिहार में पोषित कर रहा है और कौन सम्मान देता है। इनलोगों की उनके खिलाफ एक आवाज नहीं निकल सकती। उन्होंने जातीय गणना रिपोर्ट से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मैंने बैठक में ही यह सवाल उठाया था कि जो लोग घर से बाहर थे उनके घर के मुखिया का हस्ताक्षर कैसे हो गया। उन्होंने कहा कि मैंने तो खुद का ही हस्ताक्षर दिखाने की चुनौती दी। 

उन्होंने कहा कि अब यह गणना आ गई जिसमे केवल खानापूर्ति दिख रही है। इससे कई लोग गरीबी रेखा से बाहर आ गए और जो सरकारी सुविधा उन्हें मिलती थी, उससे वे वंचित हो गए तो, इसके जिम्मेदार कौन होंगे। सिन्हा ने आगे कहा कि अगर इनमे हिम्मत है तो अति पिछड़ा या दलित के बेटे को मुख्यमंत्री बना दे। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि हिस्सेदारी और भागेदारी से कब तक एक ही परिवार का उत्थान होता रहेगा। 

विधानसभा में विरोधी दल के नेता श्री सिन्हा ने कहा कि भाजपा सत्ता के लिए कभी राजनीति नहीं करती। भाजपा सुशासन लाने के लिए लोगों और खास गरीबों के उत्थान और कल्याण के लिए राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी कहते रहें हैं कि उनकी चिंता गरीबों के प्रति है और उनका ध्येय गरीबों का कल्याण है। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि भाजपा अब नकली चंद्रगुप्त नहीं बल्कि अपनी पार्टी से चंद्रगुप्त बनाएगी।

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