काेरोना वैक्सीन के लिए कॉल या लिंक आए तो उसे करें नजरअंदाज, रखें इन बातों का ख्याल...

डेस्क... नए साल में कोरोना की वैक्सीन कभी भी आ सकती है। पिछलो वर्ष जहां कोरोना की भेंट चढ़ गया, वहीं इस महामारी से अभीतक निजात नहीं मिल सका है, लेकिन इस साल इस महामारी से छुटकारा मिलने की पूरी उम्मीद है। कोरोना को मात देने के लिए बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। वहीं, साइबर अपराधियों की नजर भी अब इस पर है। साइबर अपराधी कोरोना वैक्सीन के डोज के नाम पर फ्रॉड की तैयारी में हैं। साइबर अपराधियों की इस तैयारी की भनक लगते ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार सहित सभी राज्यों को सतर्क कर दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय में साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर से आये पत्र में इस बात की आशंका जताई गयी है कि साइबर अपराधी लोगों को कॉल कर, एसएमएस कर यह बताने की कोशिश कर सकते हैं कि कोविड वैक्सीन डोज की प्राथमिकता लिस्ट में उनका नाम चयनित किया गया है। यह कहने के बाद उस व्यक्ति से महत्वपूर्ण दस्तावेज और कुछ पैसे की मांग की जा सकती है। साइबर अपराधी उनसे आधार, पैन व बैंक खाता का ब्योरा आदि मांग सकते हैं। दस्तावेज मिलते ही वे संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे उड़ा लेंगे।
इस बात की भी आशंका जताई गयी है कि साइबर अपराधी कोविड-19 वैक्सीन डोज को लेकर लोगों को फर्जी लिंक या सोशल मीडिया के जरिये वैक्सीन डोज की कीमत में डिस्काउंट या कैश बैक आदि का लोभ देकर उन्हें अपने जाल में फंसा सकते हैं। इसलिए आम लोगों को सतर्क करते हुए सुझाव दिया गया है कि वे अधिकृत वेबसाइट या सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का ही पालन करें और उनपर ही विश्वास करें।
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
- कोविड-19 वैक्सीन के डोज को लेकर इधर-उधर से आई जानकारी को नजरअंदाज करें
- सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश और वेबसाइट पर मिली जानकारी को ही सही मानें
- मोबाइल पर वैक्सीन को लेकर कोई लिंक आए तो उसपर क्लिक करने से बचें
- वैक्सीन डोज को लेकर कहीं से कोई कॉल आए तो जिला स्तर पर उसकी पुष्टि कर लें
- वैक्सीन डोज के नाम पर व्यक्तिगत दस्तावेज का ब्योरा मांगा जाय तो उन्हें ब्योरा न दें