PATNA : आयुष मेडिकल एसोसिएशन ने आयुर्वेद पीजी को सर्जरी की अनुमति दिए जाने के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा 11 दिसंबर की आहूत हड़ताल को अनुचित एवं गैर जिम्मेदाराना करार दिया है. एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मधुरेंदु पांडे ने कहा कि आईएमए सरकार पर बेवजह दबाव बनाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है जो जनहित के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की आयुर्वेद पीजी को सर्जरी देने के पीछे अच्छी और दूरगामी सोच है. जिसका देश में स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ करना लक्ष्य है.
आईएमए यह नहीं चाहता की चिकित्सा क्षेत्र में किसी अन्य विद्या का प्रभुत्व कायम हो, ताकि आवश्यकता पड़ने पर आधुनिक चिकित्सकों का सरकार पर बनते दबाब और ब्लैक मेलिंग करने में दिक्कतों का सामना करना पड़े. उक्त बाबत आज एसोसिएशन की कोर कमेटी की वर्चुअल बैठक हुई. जिसमें आधुनिक चिकित्सकों द्वारा 11 दिसंबर को आहूत हड़ताल से होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए आयुष चिकित्सकों द्वारा पूरी मुस्तैदी से कार्य करने का निर्णय लिया गया. खासकर ग्रामीण हलकों में किसी भी तरह की चिकित्सा संबंधी कार्य को आयुष चिकित्सकों द्वारा संभालने के लिए तैयार रहने का निर्णय लिया गया.
डॉ पांडे ने कहा कि एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा मनमाने फीस और बेवजह जांच और सर्जरी के द्वारा रोगियों का दोहन करने का काम किया जाता रहा है. आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी करने की अनुमति मिलने से इनकी प्रैक्टिस पर और मनचाहे फीस पर रोक लगेगी। सर्जरी को आयुर्वेद का जननी बताते हुए कहा कि सर्जरी का सबसे पहला सर्जन महर्षि सुश्रुत थे. जिन्होंने हर प्रकार के शल्य कर्म कर आयुर्वेद को गौरवान्वित करने का काम किया है.
बैठक में शामिल आयुष मेडिकल एसोसिएशन सर्विसेस सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अब्दुस्सलाम ने कहा कि 11 दिसंबर को राज्य के तमाम विद्या के निजी एवं सरकारी आयुष चिकित्सक बढ़ चढ़ कर सेवा प्रदान करेंगे. बैठक में एसोसिएशन के प्रदेश सरंक्षक डॉ बीवी उपाध्याय, डॉ संत प्रसाद, डॉ प्रो आर पी सिंह , डॉ रवींद्र कुमार, डॉ इशतेयाक खान, डॉ अमजद अली, डॉ दिनेश शर्मा, डॉ मणि भूषण कुमार, डॉ दिवाकर पांडे, डॉ मनोज दुबे, डॉ एसएन पासवान, डॉ किरण गुप्ता, डॉ मुमताज रूही आदि शामिल थे.