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बक्सर, गया सहित कई जिलों में घर बैठे पशुपालकों को मिलेगी पशुओं के इलाज की सुविधा, डीएम ने 11 मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन को दिखाई हरी झंडी

बक्सर, गया सहित कई जिलों में घर बैठे पशुपालकों को मिलेगी पशुओं के इलाज की सुविधा, डीएम ने 11 मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन को दिखाई हरी झंडी

GAYA : आज दिनांक 09 सितंबर 2024 को जिला पदाधिकारी  गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा "Mobile veterinary units (MUU) किया गया। गया ज़िले को हर प्रखंड ले लिय 1-1 मोबाइल पशु वाहन उपलब्ध कराया गया है। किस प्रकार आज कल 24 मोबाइल पशु वाहन को हरी झंडी दिखाकर जिला पदाधिकारी ने सभी प्रखंडों के लिए रवाना किया है। इन सभी 24 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (वाहनों) एवं मोबाइल पशु चिकित्सा कॉल सेंटर का उदेश्य पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा (डोर स्टेप पशु चिकित्सा सेवा) सुविधा उपलब्ध कराना है। पशुपालकों को अपने बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय तक लाने में होने वाली कठिनाईयों को देखते हुए ज़िले के सभी 24 प्रखंडों हेतु एक-एक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के परिचालन की व्यवस्था की गयी है। मोबाइल पशु चिकित्सा इकाईयों के परिचालन से सुदूर इलाकों से बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय तक लाने में होने वाली कठिनाईयों से पशुपालकों को राहत मिलेगी, बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय लाने में लगने वाले समय एवं व्यय की बचत होगी। इसके साथ ही अस्वस्थ पशुओं की त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा संभव हो सकेगी। पशुओं के स्वास्थ्य एवं उत्पादकता में सुधार लाया जा सकेगा। पशुओं में संक्रामक रोग फैलने की स्थिति में रोग की त्वरित जाँच एवं प्रभावी नियंत्रण भी किया जा सकेगा तथा पशुपालकों के बीच विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जायेगा। मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई जी०पी०एस० सुविधा युक्त एक सुसज्जित वाहन है जिसमें पशु रोगों की पहचान, पशु चिकित्सा एवं लघु सर्जरी, ऑडियो विजुअल प्रचार के लिए आवश्यक उपकरण के साथ पशुओं की चिकित्सा के लिए आवश्यक दवा इत्यादि के साथ कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध रहेगी। मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई में एक पशु चिकित्सक, एक पशु चिकित्सा सहायक एवं एक चालक-सह-परिचारी की व्यवस्था की गयी है। मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई का परिचालन प्रत्येक कार्य दिवस में प्रातः 09.00 बजे से संध्या 05.00 बजे तक किया जायेगा।

पशुपालको की सुविधा हेतु एक कॉल सेंटर की स्थापना राज्य मुख्यालय स्तर पर पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, पटना के परिसर में की गयी है।  एक मोबाइल एप्प भी विकसित किया गया है। पशुपालक अपने मोबाइल पर उक्त एप्प को डाउनलोड कर पशु चिकित्सा सेवाओं हेतु सम्पर्क कर सकते हैं। ज़िले के पशुपालक प्रत्येक कार्य दिवस में प्रातः 09.00 बजे से संध्या 05.00 बजे तक की अवधि में कॉल सेन्टर के टॉल फ्री नम्बर 1962 पर दूरभाष के माध्यम से कॉल कर अथवा मोबाइल एप्प के माध्यम से कॉल सेन्टर में पशु चिकित्सा हेतु सम्पर्क कर सकते हैं। सम्पर्क के उपरान्त मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के माध्यम से पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। कॉल सेन्टर में टेलिमेडिसीन की भी व्यवस्था है। मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई में कार्यरत पशु चिकित्सकों के द्वारा आवश्यकतानुसार ऑडियो अथवा वीडियो कॉलिंग के माध्यम से कॉल सेन्टर में कार्यरत पशु चिकित्सकों से चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त किया जा सकता है।

आज जिला पदाधिकारी बक्सर अंशुल अग्रवाल के द्वारा पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा (डोर स्टेप पशु चिकित्सा सेवा) सुविधा उपलब्ध कराने हेतु जिला के सभी 11 प्रखंडों के लिए एक-एक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के परिचालन का शुभारम्भ समाहरणालय परिसर से वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सामान्य परिस्थिति में मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई का परिचालन कार्य दिवसों में प्रातः 09ः00 बजे से संध्या 05ः00 बजे तक किया जाएगा। जिला के पशुपालक उक्त अवधि में टॉल फ्री नम्बर 1962 पर कॉल कर अथवा मोबाईल एप के माध्यम से पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, पटना में संचालित कॉल सेन्टर में पशु चिकित्सा हेतु सम्पर्क कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई के द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस में 02 (दो) ग्रामों का भ्रमण किया जाएगा एवं शिविर के माध्यम से पशुओं की चिकित्सा तथा विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई के माध्यम से पशुपालक के द्वार पर पशु चिकित्सा उपलब्ध कराना है। इस सुविधा से सुदूर इलाकों से बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय लाने में होने वाली कठिनाईयों से पशुपालकों को राहत मिलेगी। वहीँ बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय लाने में लगने वाले समय एवं व्यय की बचत होगी।अस्वस्थ पशुओं की त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा संभव होगी। त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के फलस्वरूप पशुओं के स्वास्थ्य एवं उत्पादकता में सुधार एवं पशुओं के संक्रामक रोग फैलने की स्थिति में रोग की त्वरित जाँच एवं प्रभावी नियंत्रण करना है। कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त बक्सर, जिला पशुपालन पदाधिकारी बक्सर, भ्रमणशील पशु चिकित्स एवं अन्य संबंधित उपस्थित थे।

वहीँ मुजफ्फरपुर जिला को कल सभी प्रखंडों के लिए 16 मोबाइल पशु चिकित्सालय वैन प्राप्त हुआ है। जिसमें दो मोबाइल वैन को समाहरणालय परिसर से जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन और जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार मेहता ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस वैन में पशु के इलाज से संबंधित 53 प्रकार के दवा मौजूद रहेगी,जो बिल्कुल नि:शुल्क होगी। यह मोबाइल वैन प्रतिदिन दो प्रखंडों का दौरा कर जागरूकता भी फैलाएगी। इस अवसर पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने पत्रकारों को जानकारी देते हुऎ बताया की मोबाइल पशु चिकित्सालय वैन मिलने से पशुपालकों को काफी सुगमता और बेहतर तरीके से इलाज करने में आसानी होगी। वही सरैया प्रखंड के पशुपालक संजय महाराज ने बताया कि पहले पशुओं के इलाज के लिए डॉक्टर को खोजना पड़ता था,अब मोबाइल चिकित्सालय वैन होने से टोल फ्री नंबर पर फोन करने के बाद अब घर पर ही बेहतर इलाज फ्री में मिल सकेगा।

उधर वैशाली जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा द्वारा पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु जिला के सभी 16 प्रखंडों के लिए एक-एक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के परिचालन का शुभारंभ समाहरणालय परिसर से वाहनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया। इस मौके पर जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन का परिचालन कार्य दिवसों में प्रातः 9 बजे से संध्या 5 बजे तक किया जाएगा। जिला के पशुपालक उक्त अवधि में टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर अथवा मोबाइल ऐप के माध्यम से पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान ,पटना में संचालित कॉल सेंटर में पशु चिकित्सा हेतु संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा मोबाइल चिकित्सा इकाई द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस में दो गांव का भ्रमण किया जाएगा एवं शिविर के माध्यम से पशुओं की चिकित्सा एवं विभागीय योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के माध्यम से पशुपालक के द्वार पर पशु चिकित्सा उपलब्ध कराना है। इस सुविधा से सुदूर इलाकों से बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय लाने में होने वाली कठिनाइयों से पशुपालकों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय लाने में लगने वाले समय एवं खर्च की बचत होगी। त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के फलस्वरुप पशुओं के स्वास्थ्य एवं उत्पादकता में सुधार आएगा। साथ ही पशुओं को समय पर  संक्रामक रोग से बचाया जा सकेगा। कार्यक्रम में अपर समाहर्ता श्री बिनोद कुमार सिंह, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ प्रभावती कुमारी तथा जिला जन संपर्क पदाधिकारी श्री नीरज के साथ अन्य कई पदाधिकारी मौजूद थे।

बक्सर से संदीप वर्मा, गया से पुष्कर, वैशाली से अमरेश और मुजफ्फरपुर से मणिभूषण की रिपोर्ट 

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