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"जननायक" के नाम पर चल रहे मेडिकल कॉलेज में MBBS के छात्रों को परोसा जाता है सड़ा हुआ खाना, जमकर हुआ बवाल

"जननायक" के नाम पर चल रहे मेडिकल कॉलेज में MBBS के छात्रों को परोसा जाता है सड़ा हुआ खाना, जमकर हुआ बवाल

MADHEPURA : जिले में संचालित जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में पढ़नेवाले छात्रों को किस प्रकार का खाना परोसा जाता है। इसकी पूरी पोल तब खुलकर सामने आ गई, जब यहां पढ़नेवाले एमबीबीएस के छात्रों ने विरोध करना शुरू किया। छात्रों का आरोप था कि कॉलेज के मेस में घटिया क्वालिटी का खाना परोसा जाता है। जिसके बाद सभी छात्रों ने खाना खाने से इनकार कर दिया। वहीं अब इस मामले के सामने आने के बाद अधिकारियों में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

मेस के रसोई की हालत दयनीय

छात्रों में बताया कि मेस से आने वाले दुर्गन्ध के कारण वे लोग जब किचेन के भीतर गए तो नजारा काफी चौंकाने वाला था। मेस में जिस जगह पर खाना बन रहा था, वहां कीड़े उड़ रहे थे। बगल में ही कई दिनों का बचा खाना फेंका हुआ था। जिसपर फफूंद लग चुका था और उससे दुर्गन्ध भी आ रहा था। सड़ी हुई सब्जियों को काटा जा रहा था। सलाद पर कीड़े उड़ रहे थे। गुथा हुआ आटा पर मक्खियां भिनभिना रही थी। कई दिन पुराने गुथे हुए सत्तू में कीड़े लग चुके थे। किचन में दुर्गंध इतना था कि लोग खड़े नहीं हो पा रहे थे। जहां खाना बन रहा था, वहीं गुटखा खाकर पीक फेंका हुआ था। छात्रों ने बताया कि अगर फुलगोभी सड़ा हुआ था तो उसे क्यों बनाया जा रहा था। 

प्राचार्य नहीं करते मेस संचालक पर कार्रवाई, किया जाता है ब्लैकमेल

छात्रों का कहना था कि ऐसे माहौल में किस तरह खाना तैयार किया जाता होगा यह समझा जा सकता है। घटिया खाना खाने के कारण छात्र लगातार बीमार हो रहे हैं। कई छात्र फूड प्वाइजनिंग और टाइफाइड से पीड़ित हैं। छात्रों ने बताया कि इसकी शिकायत कई बार प्राचार्य से भी की गयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे मेस संचालक द्वारा मेस बंद करने की धमकी देकर छात्रों को ब्लैकमेल किया जाता है।

मेस संचालक ने कॉलेज और छात्रों पर फोड़ा ठिकरा

मेडिकल कॉलेज के मेस में मिल रहे घटिया खाना को लेकर यहां के संचालक ने सारा ठिकरा कॉलेज प्रबंधन और छात्रों पर ही फोड़ दिया। मेस संचालक सौरभ सिंह ने बताया कि कॉलेज के द्वारा सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। जो वेस्टेज होता है उसे ले जाने के लिए कोई नहीं आता है। हमलोग ही 10-15 दिनों में हम ही वेस्टेज को बाहर फेंकवाते हैं। जब मेज पर पड़े कीड़े लगे सत्तू के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा एक माह पहले का ही यह सत्तू है। एक माह पहले नया मेन्यू तय हुआ। तब से सत्तू का उपयोग नहीं होने के कारण उसमें कीड़े लग गए हैं। खराब सब्जी के बारे में बताया कि 4 से 5 दिन का सब्जी एक बार लाते हैं। इसलिए ऐसा लग रहा है।

 वहीं उसने छात्रों पर समय पर मेस चार्ज नहीं देने का भी आरोप लगाया। जबकि छात्रों ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि इनके पास खाने वाले छात्रों का अटेंडेंस ही नहीं है। जो छात्र दो-दो माह तक घर चले जाते हैं और मेस में नहीं खाते, उनका भी बिल जोडकर मांगा जाता है।


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