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कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना ? CM के सामने मीटिंग में ही जेडीयू MLC ने 'मंत्री' पर आरोपों की लगा दी झड़ी, फिर कहा- लग रहा हम पार्टी में हैं ही नहीं

कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना ? CM के सामने मीटिंग में ही जेडीयू MLC ने 'मंत्री' पर आरोपों की लगा दी झड़ी, फिर कहा- लग रहा हम पार्टी में हैं ही नहीं

PATNA:  सत्ता के गलियारे की यह खबर चार दिन पुरानी है. 27 फरवरी को नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक आयोजित थी. मीटिंग मंत्री अशोक चौधरी के आवास पर रखी गई थी. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे अधिकांश विधायक और विधान पार्षद मौजूद थे. बैठक में विधानमंडल के बजट सत्र में दल की क्या रणनीति हो, इस पर चर्चा की गई। कई माननीयों ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्या बताई. अंत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधायकों को संबोधित किया. यह तो सामान्य खबर है. लेकिन बैठक की जो बड़ी खबर रही वो यह कि मुख्यमंत्री के सामने ही दल के एक विधान पार्षद ने आरोपों की झड़ी लगा दी. आरोप सरकार में सहयोगी दल के मंत्री पर नहीं बल्कि JDU कोटे के एक वरिष्ठ मंत्री पर था. साथ ही महागठबंधन की रैली में आमंत्रण नहीं मिलने पर भी एमएलसी ने अपनी भड़ास निकाली. हालांकि सीएम नीतीश कुमार दल के विधान पार्षद के आरोपों पर नोटिस ही नहीं लिया.  

मंत्री पर भड़क गए एमएलसी 

बिहार विधानमंडल के बजट सत्र की शुरूआत 27 फरवरी से हुई। पहले दिन की कार्यवाही समाप्ति के बाद सबसे पहले सत्ताधारी महागठबंधन की बैठक हुई। इस बैठक में राजद-जेडीयू समेत सात दल के विधायकों-विधान पार्षदों ने हिस्सा लिया. फिर शाम में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू विधानमंडल दल की मीटिंग आयोजित की गई। बैठक तो सामान्य तरीके से ही चल रही थी लेकिन एक विधान पार्षद के सवालों ने गर्माहट ला दी. वैसे तो बैठक गोपनीय थी, सिर्फ माननीय ही उस बैठक में शामिल थे. लेकिन उस बैठक की खबर बाहर तक पहुंच गई है. विश्वस्त सूत्रों की माने तो जेडीयू विधान पार्षद ने एक वरिष्ठ मंत्री पर आरोपों की झड़ी लगा दी. मंत्री जी मुख्यमंत्री के काफी करीबी बताये जाते हैं. 

हमारे काम का नोटिस नहीं ले रहे मंत्री 

जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक से जो खबर निकलकर सामने आ रही है उसमें एक विधान पार्षद ने बड़े विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए. विधान पार्षद ने मुख्यमंत्री के सामने ही विभाग का नाम लेकर कहा कि ''सिं#### मंत्री जी" कोई काम नहीं कर रहे हैं. नदी से कटाव रोकने का कोई काम नहीं किया जा रहा. एमएलसी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने ही कहा कि तारापुर उप चुनाव प्रचार के दौरान वहां वोट मांगने गए थे. हमने तारापुर के तीन गांवों का दौरा किया था. वहां के लोगों की समस्या कटाव की थी. हमने आश्वासन दिया था कि आपलोग हमारे प्रत्याशी को वोट दीजिए. चुनाव बात आपकी समस्या का समाधान करायेंगे. वहां के लोगों ने वोट भी दिय़ा, जेडीयू प्रत्याशी की जीत भी हुई पर कटाव रोकने का काम नहीं हुआ। हम मंत्री के पास गए तो उन्होंने नोटिस नहीं लिया. ऐसा लगा कि हम ट्रांसफर-पोस्टिंग के काम से आए हैं. हमारा काम ट्रांसफऱ-पोस्टिंग कराना नहीं था. हम समस्या के समाधान के लिए गए थे.

रैली में निमंत्रण नहीं मिलने को लेकर भी थी नाराजगी 

जेडीयू विधान पार्षद ने इतने भर से नहीं रूके. आगे कहा कि ऐसा लग रहा मानो हम पार्टी में हैं ही नहीं. हमें अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है. पूर्णिया में महागठबंधन की रैली की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमें निमंत्रण ही नहीं दिया गया. हम भी तो पूर्णिया से सटे प्रमंडल से आते हैं. हमें क्यों नहीं निमंत्रण दिया गया. ऐसा लग रहा की जानबूझकर हमें निमंत्रण नहीं दिया गया. मुख्यमंत्री ने दल के एमएलसी की सारी बातों को सुना जरूर, लेकिन नोटिस नहीं लिया. इनके सवाल का नीतीश कुमार ने कोई जवाब नहीं दिया. मुख्य़मंत्री अन्य मुद्दों पर बात कही लेकिन विधान पार्षद की समस्या पर एक शब्द नहीं बोला. इस तरह से समस्या जस की तस रह गई। मंत्री पर गंभीर आरोप लगाने वाले एमएलसी के बारे में अब दल के अंदर ही तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है. एक पक्ष कह रहा कि कहीं पे निगाहें कहीं पर निशाना....। बता दें,जेडीयू एमएलसी हाल में ही राजधानी में समाज का एक कार्यक्रम कर चर्चा में आए थे. 

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