पटना- बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रही है, इस मामले में पुलिस महकमा ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में बिहार पुलिस आर्थिक अपराध इकाई एडीजी नय्यर हसनैन खान ने अब तक की गई कार्रवाईयों को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारी दी . केन्द्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में बिहार आर्थिक अपराध इकाई की करवाई में तेजी आई है. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए आर्थिक अपराध इकाई एडीजी नय्यर हसनैन खान ने बताया कि जिलों में जो एफआईआर पेपर लीक मामले में दर्ज हुए है उसकी संख्या 74 है, 23 जिलों में ये मामले दर्ज हुए हैं. आर्थिक अपराध इकाई की सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में जांच चल रही है.
इस मामले में दो तरह से जांच की जा रही है जिसमे SIT की टीम है जो डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो के नेतृत्व में कार्य कर रही है इसके अलावा जो जिलों में एफआईआर दर्ज हुए है वहां उसी जिले के अफसर जिनके ऊपर किसी तरह के कोई आरोप नही है और वहां के पुलिस अधीक्षक द्वारा उनको सर्टीफाई किया गया है उनकी सूची मंगाई गई है और जल्द वहां से उन लोगो को उन कांडो में अनुसंधान कर्ता नियुक्त किया जाएगा. एडीजी नय्यर हसनैन खान ने बताया किकि चुनींदा अफसर अगले तीन महीने के लिए इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर के रूप में EOU के कन्ट्रोल और मार्गदर्शन में कार्य करेंगे.
बता दे बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया. आईपीएस मानवजीत सिंह ढिल्लो और सुशील कुमार के नेतृत्व में आर्थिक अपराध इकाई EoU की एसआईटी में 2 तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी, 6 डीएसपी, 13 इंस्पेक्टर, 2 अवर निरीक्षक शामिल है. इस एसआईटी के गठन के बाद अब सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले का सच सामने आने की उम्मीद है. इस परीक्षा में अब तक 22 जिलों में 74 एफआईआर दर्ज हुई थी.
एक अक्टूबर को राज्य के तमाम जिलों के सेंटर्स पर परीक्षा का आयोजन हुआ था. लेकिन परीक्षा से पहले ही पेपर आउट होने के मामले आने के बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. साथ ही 7 और 15 अक्टूबर को होने वाली परीक्षा भी अगले आदेश तक कैंसिल कर दी गई थी.21 हजार से ज्यादा पदों पर परीक्षा होनी थी.
परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले सॉल्वर गैंग के मेंबर्स समेत 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जिनके पास से पुलिस वे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, ब्लू टूथ और कई लैपटॉप और जैमर तक बरामद किए थे. सबसे ज्यादा भोजपुर में 10, भागलपुर में नौ, नालंदा में सात, नवादा में छह, सहरसा में पांच, पटना और लखीसराय में चार, रोहतास, मुंगेर और मधेपुरा में तीन-तीन, जहानाबाद और जमुई में दो-दो, अरवल, मोतिहारी, औरंगाबाद, बेगूसराय और शेखपुरा में एक-एक और सहरसा में पांच FIR दर्ज की गई हैं.
केंद्रीय चयन पर्षद के संदिग्ध भूमिका पर एडीजी नय्यर हसनैन खान ने कहा कि मामले की जांच जारी है जो भी सच्चाई सामने आएगी, उचित करवाई की जाएगी, फिलहाल इस प्रकार की कोई बात सामने नही आई है, अभी प्रारंभिक स्टेज पर है आगे जो जांच में आएगा उसपर करवाई होगी.