PATNA : IPS आदित्य कुमार विवाद में बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को माफी देकर बिहार के मुख्यमंत्री अब खुद विवाद में फंस गए हैं। विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि यह ऐसा मुद्दा है, जिसमें सिर्फ डीजीपी ही नहीं, बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री का काम भी सवालों के घेरे में हैं। आखिर आदित्य कुमार को फिर से पूर्णिया में पोस्टिंग के फाइल पर हस्ताक्षर उन्होंने किए थे। ऐसे में उनके खिलाफ भी जांच होनी चाहिए।
सम्राट चौधरी ने बिहार के मुख्यमंत्री के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि इस जिम्मेदारी को छोड़ें। उनसे बिहार संभल नहीं रहा है। एक डीजीपी, जिस पर यह आरोप लगा है कि उन्होंने एक आईपीएस को बचाने में अपने पद का दुरूपयोग किया, उनके लिए वह कहते हैं कि सिर्फ दो महीने रिटायरमेंट के बचे हैं। इसलिए उन्हें बख्श दीजिए।
सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री यह बात ऐसे कह रहे थे जैसे वह किसी रसोइए को बचाने के लिए कह रहे हैं। उन्हें यह समझना चाहिए था कि मामला बिहार के डीजीपी से जुड़ा है। ऐसे में सीबीआई जांच से कम कुछ भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तेजस्वी के सामने ही उनके माता पिता को सुना रहे थे
सम्राट चौधरी ने इस दौरान कल एसके मेमोरियल हॉल में नीतीश कुमार के उस बयान पर भी आड़े हाथ लिया, जिसमें वह लालू राबड़ी के शासन पर सवाल उठा रहे थे और उनके कार्यकाल को खराब बता रहे थे, वह भी तब जब बगल में तेजस्वी यादव बैठे हुए थे। नीतीश कुमार कब क्या बोलेंगे, यह कहा नहीं जा सकता है। यही कारण हम लोग चाहते हैं कि अब वह बिहार की गद्दी को छोड़ दें। ताकि बिहार का कुछ भला हो सके।