PATNA: परिवहन विभाग के एक प्रवर्तन अवर निरीक्षक की चालाकी धरी गई. उन्होंने नाबालिग बेटे को एक दिन में ही जमींदार बना दिया . जरा चालाकी देखिए...नाबालिग के नाम से लगभग 2 बीघा जमीन खरीदा, पत्नी को गार्जियन बना दिया और अपने आप को गौण कर लिया. सरकार की नजर में भी नाबालिग बेटे के नाम पर इतनी बड़ी संपत्ति की खरीद की बात को छुपा दिया. हर साल संपत्ति का जो ब्योरा दिया जाता है उसमें परिवहन दारोगा ने खेल कर दिया और इस बात का खुलासा नहीं किया. अब जाकर इससे पर्दा उठा है. अब देखने वाली बात होगी कि परिवहन विभाग कब तक इस मामले में संज्ञान लेता है.
नाबालिक के नाम पर खरीदा और पत्नी को गार्जियन बनाया
परिवहन विभाग के दारोगा ने बचने का जबरदस्त खेल खेला. उन्होंने अपने या पत्नी के नाम पर जमीन की खरीद नहीं की. नाबालिक बेटे को आगे कर दिया. नाबालिग के नाम पर एक दिन में ही लगभग दो बीघे जमीन की खऱीद कर ली . बेटे को माईनर दिखाया और पत्नी को गार्जियन. इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री कराया. शिकारपुर निबंधन कार्यालय में नवंबर 2022 में परिवहन दारोगा ने यह रजिस्ट्री कराई है . जमीन की खरीद करना गलत नहीं पर छुपाना गलत है. छुपाई गई संपत्ति को सरकार अवैध मानती है. परिवहन दारोगा ने वही काम किया है. राजधानी में तैनात परिवहन विभाग दारोगा ने इस साल संपत्ति का जो ब्योरा दिया है, उसमें इसका जिक्र नहीं किया. परिवहन दरोगा ने 7 फऱवरी 2023 को संपत्ति का जो ब्योरा दिया है, उसमें नवबंर 2022 में खरीदी गई 115 डिसमिल जमीन की जानकारी छुपा लिया.सरकार का स्पष्ट आदेश है कि छुपाई गई संपत्ति को अवैध (आय से अधिक संपत्ति) मान कार्रवाई की जायेगी.
चंपारण के रहने वाले हैं दारोगा जी
परिवहन दारोगा के बारे में जान लें. परिवहन दारोगा का पैतृक जिला पश्चिम चंपारण है. वर्तमान में वो राजधानी में प्रतिनियुक्त हैं. अब समझ सकते हैं कि जो परिवहन दारोगा एक दिन में दो बीघे जमीन की खरीद कर सकता है, वो कितना बड़ा धनकुबेर होगा. वैसे निगरानी ब्यूरो ने इसी साल किशनगंज में प्रतिनियुक्त एक परिवहन दारोगा विकास कुमार के ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति केस में छापेमारी की थी. इसके पहले एक और परिवहन दारोगा श्यामनंदन प्रसाद के खिलाफ भी निगरानी की कार्रवाई हो चुकी है. समस्तीपुर के तत्कालीन इंफोर्समेंट इंस्पेक्टर श्यामनंदन प्रसाद के खिलाफ 2 दिसंबर 2019 को निगरानी ने DA केस दर्ज किया था. इसके बाद कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. यह केस अभी भी जांच में है।