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चहेते MVI को बचाने की चाल तो नहीं? पहली जांच रिपोर्ट में आरोप प्रमाणित, परिवहन कमिश्नर ने दूबारा जांच के दिये आदेश

 चहेते MVI को बचाने की चाल तो नहीं? पहली जांच रिपोर्ट में आरोप प्रमाणित, परिवहन कमिश्नर ने दूबारा जांच के दिये आदेश

PATNA: बिहार में चहेते अफसरों को बचाने के लिए हर हथकंड़ा अपनाया जाता है। परिवहन विभाग में भी कुछ ऐसा ही कुछ हो रहा। हालांकि करोड़ों की राजस्व क्षति के आरोप में तत्कालीन डीटीओ समेत कई अन्य पर कार्रवाई भी हुई है। पटना में पदस्थापित रहे मोटरयान निरीक्षक मृत्युंजय कुमार सिंह जो बालू खनन में हटाये गये थे उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं। गड़बड़ी की शिकायत के बाद परिवहन कमिश्नर ने जांच के आदेश दिये. जांच पूरी हो गई और फाइल सचिवालय भी पहुंच गई। जांच रिपोर्ट में आरोप सही साबित हुआ। यानी उस रिपोर्ट के आधार पर चहेते एमवीआई पर कार्रवाई तय मानी जा रही थी। लेकिन कमिश्नर ने उस जांच को नहीं माना और दूबारा जांच के आदेश दिये हैं।

तो चहेते एमवीआई को बचाने की चाल तो नहीं ? 

परिवहन विभाग के सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार परिवहन कमिश्नर सीमा त्रिपाठी ने फिर से जांच के आदेश दिये हैं। पटना के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार ने 6 अगस्त को जो जांच रिपोर्ट दी थी उससे वो संतुष्ट नहीं हुई। जांच रिपोर्ट में एमवीआई पर जो आरोप लगे थे वो सही प्रतीत हो रहे थे। इसके बाद कमिश्नर ने फिर से जांच के आदेश दिये हैं। हालांकि वो जांच कहां तक पहुंची यह बताने को कमिश्नर तैयार नहीं। विभागीय जानकार बता रहे कि एमवीआई मृत्युंजय सिंह पर कई गंभीर आरोप है। आर्थिक अपराध इकाई ने बालू खनन में उसकी संलिप्तता पाई। उस रिपोर्ट पर परिवहन विभाग ने उसे वेटिंग फॉर पोस्टिंग रखा है। पहली जांच रिपोर्ट के आधार पर पटना के तत्कालीन एमवीआई पर कार्रवाई तय थी। अब कमिश्नर ने फिर से जांच को कहा है।आखिर ऐसा क्यों यह तो दूबारा जांच के आदेश करने वाले अफसर ही बता सकते हैं। हमने परिवहन कमिश्नर से इस संबंध में बात करने की पूरी कोशिश की। लेकिन वो कहां बात करने वाली?न तो फोन का जवाब दिया और न मैसेज का ही। वैसे चहेते एमवीआई के खिलाफ जिस तरह के सबूत हैं उसे मिटा पाना सामान्य बात नहीं। 

जानिए पहली जांच रिपोर्ट में क्या है.....

परिवहन विभाग के उप सचिव के पास 6 अगस्त को ही पटना के मोटरयान निरीक्षक रहे मृत्युंजय कुमार सिंह के खिलाफ लगाए गये आरोपों की जांच संबंधी रिपोर्ट पहुंच गई थी। विभाग के आदेश पर पटना के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार ने पूरे मामले की जांच की थी। जांच में एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह की भूमिका संदिग्ध पाई गई .जांच में पाया गया कि एमवीआई ने जिस ट्रक को फिटनेस प्रमाण पत्र दिया वो उस मुजफ्फरपुर के थाने में जब्त था। जांच अधिकारी ने अपने मंतव्य में लिखा है कि तथ्यों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि वाहन संख्या-UP60T/4830 ट्रक दिनांक 2 जुलाई 2019 से मिठनपुरा थाना मुजफ्फरपुर में जब्त था। जिस तिथि(5.7.19) को मोटरयान निरीक्षक मृत्युंजय कुमार सिंह द्वारा वाहन संख्या-UP60T/4830 ट्रक का फिटनेस प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए भौतिक रूप से निरीक्षण किये जाने का उल्लेख किया गया है उस तिथि को वह वह ट्रक मिठनपुरा थाना मुजफ्फरपुर में था।

बिना भौतिक निरीक्षण के ट्रक का दिया फिटनेस प्रमाण-पत्र

जहां तक एमवीआई मृत्युंजय सिंह द्वारा फार्म-50(2) पर वाहन चेचीस संख्या(पेंसिल प्रिंट) प्रिंट किये जाने का प्रश्न है,यह संभव है कि आवेदक वीरेन्द्र चौधरी ने थाने से ही फार्म-50(2) पर वाहन संख्या-UP60T/4830 ट्रक का चेचीस का पेंसिल प्रिंट प्राप्त कर लिया गया हो। उसी आधार पर एमवीआई मृत्युंजय सिंह बिना भौतिक निरीक्षण के उक्त वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र निर्गत किया गया होगा। जांच में स्प्ष्ट तौर पर बता दिया गया कि ट्रक थाने में बंद था उसी दौरान फिटनेस प्रमाण पत्र दिया गया । एमवीआई ने बिना गाड़ी को देखे ही प्रमाण-पत्र जारी कर दिया। 

परिवहन विभाग ने विस्तृत जांच का दिया था आदेश 

परिवहन विभाग द्वारा 19 मार्च 2021 को जारी जांच संबंधी आदेश में एमवीआई पर लगे आरोप के संबंध में तमाम बातों का जिक्र किया गया था. साथ ही आरोपी एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह ने बचाव में जो चौंकाने वाला जवाब दिये थे उन बातों का भी जिक्र किया गया था। विभाग ने अपने पत्र में कहा था कि इस मामले की विस्तृत जांच की जरूरत है। 

पटना एमवीआई ने थाने में बंद ट्रक का दिया था फिटनेस

बिहार ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह की तरफ से2020 में परिवहन विभाग में शिकायत दर्ज कराई गई थी। पटना के तत्कालीन एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह पर आरोप है कि मुजफ्फरपुर के आदर्श नगर थाना क्षेत्र में जो गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई उसे थाना में बंदी के दौरान पटना के मोटरयान निरीक्षक ने फिटनेस प्रमाण पत्र दे दिया। गाड़ी संख्या यूपी- 60T4830 ट्रक जो 2 जुलाई 2019 को आदर्श नगर थाने में जब्त कर रखा गया था उस गाड़ी का फिटनेस प्रमाण पत्र दिया गया।  4 जुलाई 2019 को जिला परिवहन कार्यालय पटना के काउंटर पर चलान जमा किया गया तथा 5 जुलाई 2019 को एमवीआई मृत्युंजय सिंह के द्वारा गाड़ी का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण की तारीख फिटनेस प्रमाण पत्र पर दर्शाया गया है. 6 जुलाई 2019 को उस गाड़ी का एमवीआई मृत्युंजय कुमार सिंह द्वारा फिटनेस प्रमाण पत्र 6 जुलाई 2019 से 4 जुलाई 2021 तक निर्गत किया गया है. जबकि वह ट्रक दूसरे जिले के थाने में जब्त था।

थाने के पत्र से खुलासा

19 अगस्त 2019 को सिकंदरपुर आदर्श नगर थाना मुजफ्फरपुर की पुलिस ने मोटरयान निरीक्षक मुजफ्फरपुर को नगर थाना कांड संख्या 572-2019 के तहत ट्रक संख्या- यूपी- 60T4830 की यांत्रिक जांच के संबंध में एमवीआई मुजफ्फरपुर को पत्र लिखा था।ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि जब गाड़ी दूसरे जिले के थाने में जब्त है तो पटना एमवीआई ने किस परिस्थिति में 5 जुलाई 2019 को गाड़ी का निरीक्षण किया और उसका फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया. इसमें भारी गड़बड़ी की गई है. यह जांच का विषय है कि थाने में बंद ट्रक का फिटनेस प्रमाण पत्र कैसे निर्गत हुआ? आरोपी एमवीआई के केस दर्ज करें।

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