News4nation desk : बिहार में दिन-प्रतिदिन कोरोना संदिग्धों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा हैं। लेकिन लॉकडाउन और आसोलेशन के बेहतर परिणाम भी सामने आ रहे है।
इसका सबसे बड़ा नमूना राज्य की 58 जेलों में बंद 39 हजार कैदियों का इस जानलेवा वायरस से महफूज होना है। राज्य के 58 जेलों में बंद 39 हजार कैदियों में अबतक एक भी कोरोना संदिग्ध नहीं मिले हैं।
दरअसल कोरोना की वैश्विक महामारी के बीच कैदियों को बचाने के लिए मुख्यालय के निर्देशन में तमाम जेल प्रशासन विशेष फॉर्मूले पर अमल कर रहा है। नए कैदी को 7 दिनों तक आइसोलेशन वार्ड में रखा जा रहा है। जेल आईजी मिथिलेश मिश्र के अनुसार आइसोलेशन की समय सीमा पूरा होने पर पूरी जांच के बाद ही नए कैदी को वार्ड में भेजा जा रहा है। इसके लिए ‘आमद वार्ड’ को आइसोलेशन वार्ड में बदला गया है।
पहले नए कैदी के आने पर उसे एक दिन तक आमद वार्ड में रखने के बाद अगले ही दिन कैदी वार्ड में भेज दिया जाता था। हालांकि बदले हालात में एहतियात के तौर पर सात दिनों के बाद ही वार्ड में शिफ्ट किया जाता है। जेल आईजी मिथिलेश मिश्र ने कहा ‘कोरोना को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
बता दें इस जानलेवा बीमारी से बचने का सबसे कारगर उपाय सोशल डिस्टेंसिंग और इस वायरस के ग्रसित लोग से दूर रहना है।