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RJD से नाराज चल रहे जगदानंद सिंह ने अब कर दिया यह काम, उप चुनाव के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से भी बाहर

RJD से नाराज चल रहे जगदानंद सिंह ने अब कर दिया यह काम,  उप चुनाव के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से भी बाहर

PATNA : राजद से नाराज चल रहे जगदानंद सिंह को लेकर दो दिन पहले तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी तबीयत खराब है, वो जल्द ही वापस आएंगे। लेकिन अब जो जानकारी सामने आयी है, उसमें यह साफ हो गया है कि राजद में जगदानंद सिंह की वापसी के रास्ते बंद हो गए हैं। पिछले कई दिनों से चल रहे संशय पर तब मुहर लग गई, जब राजद के सीनियर्स ग्रुप से जगदानंद सिंह ने खुद बाहर कर लिया। यह ऐसा वाट्सएप ग्रुप है, जिसमें जगदानंद सिंह के अलावा उदय नारायण चौधरी, श्याम रजक, अब्दुलबारी सिद्दीकी जैसे कई बड़े नेता जुड़े हुए हैं। इसलिए इस अति आवश्यक वाट्सएप ग्रुप से जगदानंद सिंह के लेफ्ट कर जाने का मतलब यह निकाला जा रहा है कि उनकी नाराजगी चरम पर है।

स्टार प्रचारकों की सूची भी बाहर

कुछ दिन पहले जगदानंद सिंह ने कहा था कि वे अवकाश पर हैं और अपने गांव में आराम कर रहे हैं, लोगों से मिल रहे हैं। चर्चा है कि वे रविवार के बाद कार्यालय आ सकते हैं लेकिन सीनियर नेताओं वाले वाट्सएप ग्रुप से लेफ्ट कर जाने के बाद इसकी चर्चा ज्यादा तेज है कि जगदानंद सिंह अब शायद ही राजद कार्यालय में पहले की तरह लौटें। 

लेने पड़े दो बड़े फैसले

निर्विरोध रूप से प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्हें दो बडे़ फैसले लेने पड़े थे। पहला यह कि उन्हें एक पत्र जारी करना पड़ा था जिसमें कहा गया था कि सरकार की नीतियों पर तेजस्वी यादव को छोड़कर राजद के कोई भी सांसद, विधायक या पदाधिकारी बयान नहीं देंगे।

दूसरी बड़ी घोषणा उन्होंने अपने बेटे सुधाकर सिंह के कृषि मंत्री पद से इस्तीफे की करनी पड़ी। हालांकि जगदानंद सिंह ने अपने तरीके से सुधाकर सिंह के इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने सुधाकर सिंह के इस्तीफे को बलिदान बताते हुए कहा था कि 'कृषि मंत्री किसानों के हक में अपनी आवाज उठा रहे थे, लेकिन अंत में उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया

राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी रहे अलग

जगदानंद सिंह ने बेटे सुधाकर सिंह के मंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा राजद कार्यालय पटना में की और उसे बलिदान की संज्ञा दी। उसके बाद से जगदानंद सिंह ने राजद कार्यालय में पैर नहीं रखा है। वे इतने गुस्से में हैं कि राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में हुई बैठक में नहीं गए। उसके खुला अधिवेशन में भी शिरकत नहीं की। 

तेजस्वी यादव ने बैठक से पूर्व कह भी दिया कि यह जगदानंद सिंह बैठक में शामिल होंगे कि नहीं यह फैसला उनको लेना है। हालांकि, बाद में तेजस्वी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि जगदानंद सिंह को आप लोग नहीं समझ पाएंगे।


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