जनसंख्या मुद्दे पर एनडीए के घटक दल बयानबाजी नहीं, गंभीरता से विचार करें : सुशील कुमार मोदी

PATNA : देश में एक बार फिर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की चर्चा तेज होने लगी है. इस बीच बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा की भारत बड़ी आबादी वाला देश है. इसलिए इस मुद्दे पर वैधानिक, प्रशासनिक और अकादमिक स्तर पर भी लगातार विमर्श चलता रहा है. विश्व हिंदू परिषद ने एक बच्चे की नीति का विरोध किया है. कुछ संंगठनों की राय अलग है. इस पर एनडीए के घटक दलों को सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करनी चाहिए, बल्कि मिल बैठ कर यह विचार करना चाहिए कि विकास की गति बढाने के लिए आबादी को कैसे नियंत्रित किया जाए और कैसे उसका उपयोग संसाधन के रूप में किया जाए.
उन्होंने कहा की केंद्र और राज्य की सरकारें पहले से अपने केवल उन कर्मचारियों को एलटीसी की सुविधा और बच्चों की पढाई के लिए 1500 रुपये मासिक की सहायता दे रही हैं, जो दो बच्चों की नीति का पालन करते हैं. आयकर में छूट और जननी स्वास्थ्य योजना का लाभ भी केवल दो बच्चों वालों को मिलता है.
उन्होंने कहा की बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद 2007 में नगरपालिका अधिनियम में संशोधन कर यह व्यवस्था की गई कि केवल दो बच्चे वाले व्यक्ति ही नगर निकाय का चुनाव लड़ सकेंगे. राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उडीसा में दो बच्चे वाले ही पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं. असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों में सरकारी नौकरी के लिए दो बच्चों की नीति अनिवार्य की गई है. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट