PATNA : शिक्षा विभाग में सत्र लेट होने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जदयू को जिम्मेदार बताया है। जिसको लेकर अब जदयू ने नाराजगी जाहिर की है। पार्टी के संसदीय कार्य समिति के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए कहा है कि किसी भी मुद्दे पर बयान सोच समझकर दिया जाना चाहिए। ऐसे नहीं चलेगा कि सरकार बेहतर करेगी तो लाभ दोंनो को मिले और कुछ गलत हो तो उसमें सिर्फ जदयू जिम्मेदार हो। सरकार में दोनों पार्टियां शामिल है, इसलिए जवाबदेही भी दोनों को लेनी होगी।
जायसवाल के बयान पर ली चुटकी
इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि बार- बार एक ही मुद्दे पर बोलना अब सही नहीं लगता है। मैं तो इतना कहूंगा कि उन्हें सोच-समझकर बयान देना चाहिए। गठबंधन में जब वह पार्टनर है तो उन्हें भी इसका जवाब देना होगा कि वह क्यों ऐसा बोल रहे हैं। सरकार सिर्फ जदयू की नहीं, सरकार में भाजपा भी शामिल हैं। सरकार अच्छा काम करती है तो दोनों पार्टियों को क्रेडिट मिलता है। तो अगर सरकार कहीं नाकाम होती है तो सिर्फ जदयू जिम्मेदार नहीं हो सकती है। सरकार का लाभ अगर दोनों को मिल रहा है तो उसका नुकसान भी बराबर बांटने होंगे।
यूनिवर्सिटी में सरकार की दखल कम
डा. जायसवाल के द्वारा बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षण सत्र लेट होने के लिए शिक्षा विभाग को जिम्मेदार बताए जाने को हास्यास्पद बताते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह हर पढ़ा लिखा व्यक्ति जानता है कि विश्वविद्यालयों पर सरकार का सीमित कंट्रोल होता है। फिर भी वह ऐसी बात कर रहे हैं कि सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यूनिवर्सिटी में सत्र लेट क्यों है, यह सभी को मालूम है। यहां सारे कार्य वीसी के देखरेख में होती है। इसकी सारी जिम्मेदारी सिर्फ वहां के वीसी की होती है। इसमें शिक्षा विभाग ज्यादा दखल नहीं दे सकती है। यहां जिम्मेदारी किसी और की है और किसी और पर दोष लगाना कहीं से सही नहीं है।