JDU ने नेता प्रतिपक्ष को दिया करारा जबाव, अनर्गल प्रलाप बंद करें विजय सिन्हा, आप पवित्र आसन पर बैठे उसका भी 'मान' नहीं रख पाये

PATNA: लालू परिवार के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के बाद बिहार की राजनीति में गर्माहट है. सत्ताधारी महागठबंधन ने भाजपा पर करारा प्रहार किया है. साथ ही आरोप लगाया है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरूपयोग किया जा रहा। ईडी की छापेमारी के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बीजेपी को निशाने पर लिया तो नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने ललन सिंह पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा, ‘जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी, यह तो बेशर्मी की हद है। इसके बाद जेडीयू नेताओं ने विजय सिन्हा को करारा जवाब दिय़ा है.

बीजेपी नेता धृष्टता पर उतर गए हैं-जेडीयू 

जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश सचिव एवं राज्य परिषद के सदस्य रंजीत कुमार झा ने कहा कि भाजपा के नेता धृष्टता पर उतर आये हैं तथा उनकी भाषा से ऐसा प्रतीत होता है कि वो किसी निजी बदले और खीझ वश राजनैतिक मर्यादा से बाहर जाकर बातें बोल रहे हैं। जनता दल (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि सिन्हा जी जब सदन के आसन पर बैठे थे, तब तो उस पवित्र जगह की मान रख नहीं पाये, अब हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ़ अंगुली उठा रहे हैं। 

विजय सिन्हा असभ्यता की पराकाष्ठा पार कर रहे 

रंजीत झा ने कहा कि आज विजय सिन्हा केंद्रीय जाँच एजेंसियों का पक्ष लेकर असभ्यता की पराकाष्ठा पार करते जा रहे हैं. ये और इनके “जाँच-वीर” तब कहाँ थे ? केंद्र सरकार ने महागठबंधन की सरकार बनने से पहले यह मामला क्यों नहीं उठाया ? नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गए हैं और राजद उनका साथ दे रहा तो अचानक सीबीआइ को साक्ष्य कहां से मिल गया ? 

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अपने बड़बोले नेताओं पर लगाम लगाए भाजपा 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने उत्तरादायित्वों के निर्वहन में विफल है . अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार शक्ति का गलत उपयोग कर रही है। जेडीयू के प्रदेश सचिव ने चेतावनी देते हुए कहा भाजपा तत्काल अपनी जाँच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद करे . साथ ही विजय कुमार सिन्हा जैसे बड़बोले नेताओं की भाषा पर लगाम लगाए, क्योंकि हमको भी पता है कि उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत, जन धन योजना का डेटा भाजपा वाले अपनी जाँच एजेंसियों को क्यों नहीं देते। देश में 81 हजार करोड़ों रुपए का फ्रॉड हुआ, उसकी जांच कराएं। एसबीआई, एलआईसी में आम जनता का पैसा है। वे बताए की फ्रॉड हुआ की नहीं।