PATNA: कई महीनों से बिहार सरकार सहित विपक्षी दलों को जातिगत जनगणना के मुद्दे पर केंद्र सरकार के जवाब का इंतजार था। इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना था कि हमें पीएम से सकारात्मक जवाब की उम्मीद है। हालांकि इस मांग को केंद्र ने ठुकरा दिया है।
इसको लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलग ही तेवर नजर आ रहे हैं। मीडियाकर्मियों द्वारा सवाल किए जाने पर उन्होनें कहा कि अभी अंतिम निर्णय आना बाकी है। सवाल यह था कि जातीय जनगणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जातीय जनगणना संभव नहीं है। इस सवाल पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि, जातीय जनगणना शुरू हो गई है क्या? जब शुरू होगी तब बात करेंगे। केंद्र सरकार की तरफ से सिर्फ कहा गया है। यह अंतिम निर्णय नहीं है। अभी निर्णय हुआ ही नहीं है। अभी केंद्र सरकार ने अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखा है।
विदित हो कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिए एक हलफनामे में यह स्पष्ट कर दिया है देश में कोई जातिगत जनगणना नहीं होगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर है और जनगणना के दायरे से इस तरह की सूचना को अलग करना 'सतर्क नीति निर्णय' है। इस हलफनामे के जारी होने के बाद से ही बिहार में सियासत गरमा गई है। लगातार पक्ष-विपक्ष के नेता इसको लेकर अपनी राय साझा कर रहे हैं।