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अमित शाह के जेपी जयंती में शामिल होने पर जदयू ने उठाये सवाल, नीतीश सरकार पर आरोप मढ़ना गुजरा नागवार

अमित शाह के जेपी जयंती में शामिल होने पर जदयू ने उठाये सवाल, नीतीश सरकार पर आरोप मढ़ना गुजरा नागवार

पटना. गृह मंत्री अमित शाह के 11 अक्टूबर को बिहार दौरे पर आने पर जदयू ने कटाक्ष किया है. वरिष्ठ जदयू नेता और राज्य के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने शनिवार को कहा कि जयप्रकाश नारायण की जयंती पर अमित शाह बिहार आ रहे हैं. लेकिन, भाजपा का जयप्रकाश नारायण से क्या संबंध है यह सब जानते हैं. उन्होंने कहा कि अमित शाह बिहार में केन्द्र का प्रतिनिधि बनकर आते हैं. इसके बाद भी वे सिर्फ राजनीति करने आते हैं. राज्य सरकार पर आरोप मढ़ते हैं और राजनीतिक शिकायत करके चले जाते हैं. 

पिछले महीने जब अमित शाह ने पूर्णिया और किशनगंज का दौरा किया था तो उस दौरान भी उन्होंने नीतीश सरकार को जमकर घेरा था. राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर कई प्रकार के आरोप लगाए थे. अब उनके एक बार फिर से बिहार आने से राज्य में राजनीति गरमा गई है. जदयू ने सबसे पहले उनके दौरे पर सवाल किया है. एक गृह मंत्री के नाते बिहार में आकर नीतीश सरकार पर राजनीतिक बयानबाजी के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया है. 

गृह मंत्री अमित शाह अब 11 अक्टूबर को बनारस से सिताबदियारा आएंगे. वे सिताबदियारा से ही वापस बनारस लौट जाएंगे. अमित शाह लोक नायक जय प्रकाश नाराण की जयंती समारोह में शामिल होने के लिए सिताबदियारा आ रहे हैं. 

अमित शाह का यह दौरा इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि वे मात्र 17 दिनों के दरम्यान दूसरी बार बिहार आ रहे हैं. इसके पहले वे पिछले महीने बिहार के सीमांचल के पूर्णिया और किशनगंज का दौरा कर चुके हैं. बिहार में सत्ता बदलाव के बाद अमित शाह पहली बार पूर्णिया में आए और उन्होंने घोषणा की कि आगामी लोकसभा और विधान सभा चुनाव में भाजपा बिहार में बड़ी जीत हासिल करेगी. 

इससे पहले अमित शाह 22 सितबंर को पूर्णिया में आए थे। यहां उन्होंने महा रैली की थी। इस दौरान अमित शाह ने रैली में सीएम नीतीश और राजद सुप्रीमो लालू यादव पर जमकर हमला बोला था। इसके अगले दिन अमित शाह ने विधायकों, विधान पार्षदों और सांसदों को बिहार जीतने का मंत्र दिया था। किशनगंज में आयोजित बैठक में अमित शाह ने सभी से कहा कि संगठन को मजबूत करिए। हर हाल में नीतीश कुमार को परास्त करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो मैं भी महीने में 2 दफे बिहार आऊंगा।

अमित शाह ने कहा था कि पार्टी के सभी विधायक, विधान पार्षद और सांसद मेहनत करें। संगठन से जुड़े जो लोग हैं वह पूरी तन्मयता के साथ काम करें। बूथ को मजबूत करें। सभी विधायकों को अतिरिक्त 1-1 विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं सांसदों को भी वैसे विधानसभा क्षेत्र जहां बीजेपी के विधायक नहीं है, उस क्षेत्र का जिम्मा दिया जाएगा। जबकि विधान पार्षदों को भी एक-एक विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी देने का निर्देश अमित शाह ने दिया है।

अब अमित शाह की दूसरी यात्रा को लेकर बिहार में सियासी सरगर्मी तेज हो गयी है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि अखिर अमित शाह की रणनीति क्या है, जो मात्र 17 दिनों बाद बिहार फिर आ रहे हैं। इससे पहले अमित शाह ने ही कहा था कि जरूरत पड़ी तो दो बार बिहार आ सकते हैं। इसमें बताया जा रहा है कि अमित शाह बिहार को लेकर काफी गंभीर है. 


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