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जहानाबाद कोर्ट ने दोहरे हत्याकांड के 7 अभियुक्तों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 5-5 हज़ार का लगाया जुर्माना

जहानाबाद कोर्ट ने दोहरे हत्याकांड के 7 अभियुक्तों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 5-5 हज़ार का लगाया जुर्माना

ARWAL : जहानाबाद व्यवहार न्यायालय में जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ राकेश कुमार सिंह की अदालत ने दोहरे हत्याकांड मामले में सात आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सभी अभियुक्त अरवल जिला अंतर्गत कुर्था प्रखंड के मानिकपुर थाना क्षेत्र स्थित ग्राम आजाद नगर का निवासी है। 

मिली जानकारी के अनुसार मानिकपुर थाना क्षेत्र के आजाद नगर गांव में 7 मार्च 2012 को रात्रि दस बजे सूचक गनौरी मांझी एवं उसका भाई बढ़न मांझी एवं उनका भभू चंद्रमणि देवी अपने आंगन में बैठकर बातचीत कर रहे थे। तभी अचानक सातों अभियुक्त आजाद नगर निवासी राजेंद्र मांझी, विनोद मांझी, मनोज मांझी, बलिराम मांझी, शालिग्राम मांझी, सुरेंद्र मांझी एवं केन्दारचक गांव निवासी रविभूषण मांझी हाथ में लिए लाठी डंडे से सूचक एवं उसके भाई भभू से एक मामूली विवाद को लेकर मारपीट करने लगे।

इसी बीच मौका पाकर सूचक गनौरी मांझी जख्मी हालत में घर से बाहर भागकर अपनी जान बचाई। लेकिन अपने भाई बढ़न मांझी एवं भभू चंद्रमणि देवी कि जान बचाने में नाकाम रहा। सातों अभियुक्तों ने मिलकर लाठी डंडे से पीट-पीट कर सूचक के भाई एवं भभू को मौत के घाट उतार दिया और मौके से फरार हो गए। इसके बाद सूचक ने मानिकपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करते हुए न्यायालय में अपना बयान दर्ज कराया था। 

बताते चलें कि लोक अभियोजक सुरेंद्र प्रसाद सिंह के द्वारा इस मामले में 19 गवाहों कि गवाही कराई गई। लिहाजा गवाहों के मद्देनजर रखते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मामले में सातों अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं सभी अभियुक्त को पांच पाँच हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर अभियुक्तों को 6 महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। वहीं भारतीय दंड संहिता की धारा 307 में सातों अभियुक्तों को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

अरवल से कुंदन की रिपोर्ट

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