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उत्तराखंड के टनल में फंसे झारखंड के मजदूरों को वापस लाने के लिए अधिकारियों को भेजेगी झारखंड सरकार, लेकिन बिहार से अभी पहल का है इंतजार

उत्तराखंड के टनल में फंसे झारखंड के मजदूरों को वापस लाने के लिए अधिकारियों को भेजेगी झारखंड सरकार, लेकिन बिहार से अभी पहल का है इंतजार

RANCHI : उत्तराखंड के उतरकाशी में ब्रह्मकमल और यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच निर्माणाधीन टनल में हुई दुर्घटना में फंसे 40 मजदूरों में तीन झारखंड के हैं। जिनके सकुशल घर वापसी के लिए झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पहल करते हुए अपनी तीन सदस्यों की टीम रवाना किया है। वहीं दूसरी तरफ टनल में बिहार के भी चार श्रमिक फंसे हुए हैं। हालांकि अभी तक झारखंड सरकार की तरह बिहार सरकार की तरफ से अभी किसी प्रकार की खबर सामने नहीं आई है।

टनल में फंसे झारखंडी मजदूरों की सकुशल घर वापसी की कामना करते हुए सीएम सोरेन ने बताया कि लिए राज्य सरकार का तीन सदस्यीय प्रतिनिधमंडल उत्तराखंड भेजा जा रहा है। इस टीम में जैप आईटी के सीईओ भुवनेश प्रताप सिंह, ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद एवं ज्वाइंट लेबर कमिश्नर प्रदीप रॉबर्ट लकड़ा शामिल हैं. इन श्रमिकों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए और घटना स्थल पर भ्रमण करने एवं समय-समय पर अद्यतन स्थिति से दूरभाष पर अवगत कराने का निर्देश टीम को दिया गया है।

चार बिहारी मजदूर भी फंसे

बिहार के तीन मजदूरों की पहचान सोनू शाह, सुशील कुमार और वीरेन्द्र किसकू के रूप में हुई है। सरकार की तरफ से जारी लिस्ट के मुताबिक, सोनू शाह मूल रूप से बिहर में साहनी गांव का रहने वाला है। वह स्वालीया शाह का पुत्र है। वहीं, दूसरा मजदूर सुशील कुमार मूल रूप से चंदनपुर गांव का निवासी है। उसके पिता का नाम राजदेव विश्वाकर्मा बताया जा रहा है। इसके अलावा, तीसरे मजदूर की पहचान वीरेन्द्र किसकू के रूप में हुई है। जो मूल रूप से बिहार में कटोरिया के तेतरिया गांव का रहने वाला है। यह गांव बिहार के बांका जिले में स्थित है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, तीनों मजदूर सुरक्षित हैं। वहीं, सुरंग में फंसे हुए मजदूरों में सबाह अहमद का भी नाम है। जो मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के पेउर गांव के निवासी हैं। उनके पिता का नाम मिस्बाह अहमद है। 

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार, रविवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन टनल के अचानक धंस जाने से कुल 40 श्रमिक टनल में फंस गए हैं। इसमें कुछ श्रमिक झारखंड के भी हैं। मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर झारखंड के श्रमिकों की मदद के लिए तीन सदस्यीय प्रतिनिधमंडल को उत्तराखंड भेजा गया है. मुख्यमंत्री ने टनल में फंसे हुए सभी श्रमिकों के शीघ्र कुशलता की कामना की है।


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