DESK: साल 2020 में कोरोना कंट्रोल के मामले में झारखंड अव्वल रहा था. पिछले साल पूरे देश की तुलना में झारखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार सबसे धीमी थी और काफी कम केस मिले थे. वहीं इस साल कोरोना यहां अपना प्रकोप दिखा रहा है. इस बार झारखंड राज्य कोरोना की चपेट में आ गया है. रोज ही पुराने आंकड़े टूट रहे हैं और हर दिन केस में बढ़ोतरी हो रही है.
झारखंड में हालात कुछ ऐसे बन गए हैं कि कोरोना संक्रमितों की संख्या अब रोज 1800 के पार पहुंच गयी है. बात करें झारखंड मंत्रालय की तो वहां कोरोना बम विस्फोट हुआ है. 7 दिनों में 100 से ज्यादा कर्मचारी और अफसर कोरोना के कब्जे में आ चुके हैं. जबकि 100 लोगों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. अभी कुछ दिन पहले ही कोरोना के संक्रमण से एक अधिकारी की मौत भी हो चुकी है. इतनी ज्यादा तादाद में संक्रमितों के मिलने से लोगों में खौफ का माहौल है. अब कर्मचारियों ने ऑफिस में लगातार सेनिटाइजेशन कराने की मांग की है.
पिछले साल राज्य सरकार ने रोस्टर पर काम करने की व्यवस्था पहले ही बहाल कर दी थी. मगर इस बार मामले बढ़ने के बावजूद कोई फैसला नहीं लिया गया है. एक तरफ जहां लोग कार्यालय आने से कतराने लगे हैं, वहीं दूसरी तरफ बढ़ते मामलों ने सरकार को चिंतित कर दिया है. देखना है कि इस संबंध में हेमंत सरकार क्या फैसला लेती है.