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CM नीतीश के बाद अब BJP पर 'प्रेशर' बनाने में जुटे मांझी, विधान परिषद की एक सीट और मंत्री पद के लिए कर रहे लॉबिंग

CM नीतीश के बाद अब BJP पर 'प्रेशर' बनाने में जुटे मांझी, विधान परिषद की एक सीट और मंत्री पद के लिए कर रहे लॉबिंग

PATNA: बिहार विधान सभा चुनाव में मिली करारी हार से जेडीयू उबर नहीं पाई है। जेडीयू के नेता अपनी हार के पीछे बीजेपी का हाथ मान रहे हैं। अब तो जेडीयू नेता खुलकर बोल भी रहे कि बीजेपी की वजह से चुनाव में जेडीयू की स्थिति खराब हुई. बिहार के मुखिया नीतीश कुमार और जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी यह कह चुके हैं कि धोखा हुआ है। जेडीयू नेताओं के बाद अब एनडीए की सहयोगी जीतनराम मांझी भी भाजपा को विश्वासघाती बताने में जुट गए हैं. जानकार बताते हैं कि मांझी के सीएम नीतीश के पक्ष में खुलकर उतरने के पीछे उनकी निजी मंशा छुपी हुई है। इसी वजह से वे अब बिना नाम लिये भाजपा पर वार कर रहे हैं.मकसद है भाजपा पर दबाव बना कर सीएम नीतीश से पुरस्कार लेना।

प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे मांझी

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी अपनी गोटी सेट करने को लेकर लगातार प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं.विधानसभा चुनाव में 4 सीटें जीतने के बाद विधान पार्षद बेटे को मंत्री बनवा दिया है। लेकिन इतने से उनका मन भरा नहीं,लिहाजा नई रणनीति पर काम कर रहे। पहले अपने साथी सीएम नीतीश की नीतियों पर सवाल खड़े किये,उधर से पुचकारे जाने के बाद अब भाजपा को नसीहत देने में जुटे हैं.जानकार बताते हैं कि जीतन राम मांझी यूं ही नहीं भाजपा को नसीहत दे रहे बल्कि इसके पीछे उनका हिडेन एजेंडा है। वे जेडीयू के पक्ष में  मैदान में खुलकर उतर भाजपा को मैसेज दे रहे कि हम नीतीश कुमार के पक्ष में खड़े हैं. ऐसे में भाजपा बैकफुट पर आयेगी और उनका हिडेन एजेंडा कामयाब हो जाएगा।

1 मंत्री और एक विप सीट के लिए सेट कर रहे गोटी

मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि वह जब भी अपने कैबिनेट का विस्तार करते हैं तो उन्हें एक और मंत्री पद दिया जाए और साथ ही बिहार विधान परिषद में एक सीट दी जाए. कुछ दिन पहले  पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करके दबाव बनाएंगे ताकि कैबिनेट विस्तार में उनकी पार्टी को एक और मंत्री पद मिले और साथ ही एक एमएलसी सीट भी उनकी पार्टी को मिले.जीतन राम मांझी ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करूंगा और उनसे बिहार विधान परिषद में 1 सीट और एक और मंत्री पद देने के लिए कहूंगा. मुझे लगता है कि वह मेरे आग्रह को पूरा करेंगे.

बीजेपी  मांझी की मांग पर लगा सकती है अडंगा

जानकार बताते हैं कि  मांझी की मांग पर बीजेपी अडंगा लगा सकती है। लिहाजा जीतन राम मांझी अब बीजेपी पर प्रेशर बनाने में जुट गए हैं। वे जेडीयू के बहाने बीजेपी पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। रविवार को जीतनराम मांझी ने बिना नाम लिये भाजपा को विश्वासघाती बता दिया और सीएम नीतीश के जज्बे को सलाम किया।इसी में उनकी मंशा झलक रही है.

शनिवार को सीएम नीतीश ने बोला था हमला

  सीएम नीतीश ने शनिवार को फिर से सहयोगी बीजेपी पर इशारो-इशारो में बड़ा हमला बोला था। जदयू की दो दिवसीय राज्य परिषद की बैठक में बोलते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि चुनाव प्रचार के समय शाम में आते थे तभी संदेह पैदा हो गया था. नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कौन दोस्त है और कौन दुश्मन. किस पर भरोसा करें किस पर नहीं करें. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए में 5 महीना पहले ही सब कुछ तय होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसका नतीजा हुआ कि जेडीयू 43 सीटों पर आकर ठहर गई। उन्होंने अपने नेताओं के मनोबल को बढ़ाते हुए कहा कि चिंता छोड़िए,और मजबूत होना है,परिवर्तन जरूर होगा.

मांझी ने अब भाजपा को दे दी नसीहत

सीएम नीतीश के इस बयान के बाद सहयोगी जीतनराम मांझी खुलकर मैदान में उतर गए हैं और बीजेपी को लगे हाथ नसीहत भी दे दी है। मांझी ने कहा है कि राजनीति में गठबंधन धर्म को निभाना अगर सीखना है तो नीतीश कुमार से सीखा जा सकता है,गठबंधन में शामिल दल के आंतरिक विरोध और साज़िशों के बावजूद भी उनका सहयोग करना नीतीश जी को राजनैतिक तौर पर और महान बनाता है। नीतीश कुमार के जज़्बे को माँझी का सलाम...


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