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कड़क अफसर के के पाठक खुद भी सख्ती से करते हैं नियमों का पालन, ड्यूटी पर कभी नहीं करना भूलते यह काम, पढ़िए पूरी खबर

कड़क अफसर के के पाठक खुद भी सख्ती से करते हैं नियमों का पालन, ड्यूटी पर कभी नहीं करना भूलते यह काम, पढ़िए पूरी खबर

PATNA :  बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इन दिनों खूब सूर्खियों में हैं. वे आए दिन अपने फैसलों और शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के प्रयासों के कारण में चर्चा में बने रहते है. मौजूदा वक्त में ऐसे अफसर की पहचान उनकी बन गई है जो सबसे ज्यादा ऑन फील्ड रहता है. केके पाठक सिर्फ नियमों का पालन ही नहीं करवा रहे हैं, बल्कि खुद भी छोटे-छोटे नियमों का भी पालन करते नजर आते हैं. 

केके पाठक नियमों को पालन करवाने के लिए जी जान से लगे हैं. बिहार के सरकारी स्कूलों में बिना बताए पहुंच जाते हैं. वे स्कूल की एक-एक व्यवस्था देखते हैं. टीचरों को पुचकारते भी हैं, डांटते भी हैं और हड़काते भी है. यहीं नहीं बच्चों को खुद पढ़ाते भी कई दफा दिख चुके हैं. साफ-सफाई को लेकर मास्टर साहब की क्लास लगा देते हैं. उनका जायजा लेने का तरीका ऐसा है कि जो कमियां दिखती है उसे नोट डाउन कर लेते हैं. फिर कैसे इन कमियों को पूरा किया जा सके. इस पर विस्तार से काम करते हैं. 

केके पाठक को अनुशासन पसंद हैं. वो सिर्फ इसे पालन ही नहीं करवाना चाहते हैं. बल्कि खुद भी पूर्ण रूप से पालन करते है. छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखते हैं. केके पाठक जब भी आपको ऑन ड्यूटी देखें, तो उनके गले में आई कार्ड लटका रहता है. इस आई कार्ड पर उनका नाम और डेजिग्नेशन लिखा होता है. अमुमन अधिकारी आई कार्ड पहने कम ही नजर आते हैं. यहां तक की सचिवालय के गलियारे में भी ऐसा नजारा कम देखने को मिलता है. कमरों के गेट पर लिखे नेम प्लेट से ही अधिकारियों की पहचान होती है. ऐसे में केके पाठक सबसे अलग हैं. नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए केके पाठक जितने सूर्खियों में हैं. उनका ही नियमों का पालन वो खुद भी करते हैं. इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण उनके गले में लटका आई कार्ड है. 

आजकल देखा जा रहा है कि केके पाठक कभी भी किसी जिले के दौरे पर निकल जाते हैं, जहां स्कूलों में जाकर वे शिक्षकों और बच्चों से शिक्षा व्यवस्था का हालचाल पूछते हैं और कमियों को लेकर शिक्षकों और कर्मियों को निर्देश भी देते नजर आते हैं. इस दौरान लगभग हर जगह उनके गले में लटका ये आई कार्ड जरूर दिखाई देता है. शायद ही कभी वह मौका जब यह आई कार्ड उनके गले से अलग रहा हो.

देब्नाशु प्रभात की रिपोर्ट 

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