खांसी की आवाज से ही पता चलेगा कोरोना है या नहीं,जानिये कौन सी है नयी तकनीक

DESK: कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहें है लेकिन टेस्टिंग की गति उतनी तेज नहीं है जितनी होनी चाहिये और यही वजह है कि  इसको लेकर आये दिन नये- नये शोध भी किये जा रहें है ताकि  टेस्टिंग की प्रक्रिया और भी  तेज हो. इसी बीच इसको लेकर एक दिलचस्प बात सामने आयी है कि देश में अब मात्र  खांसने की आवाज  भर से ही कोरोना वायरस के  संक्रमण का पता लगाया जायेगा .इस तकनीक पर काम किया जा रहा है  और इसके विशेष अनुसंधान को भी शुरू कर दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि इसके लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की एक विंग तथा भारत और नार्वे की सरकारों द्वारा एक पहल शुरू की गई है।


जानकारी के मुताबिक इस तकनीक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग कर लोगों की खांसी की आवाज से कोरोना संक्रमण का पता लगाए जाने के लिए अध्ययन  किया जा रहा है . नॉर्वे-इंडिया पार्टनरशिप इनिशिएटिव द्वारा एक मोबाइल एप विकसित किया गया है, जिसमें वायरस से संक्रमित लोग अपनी खांसी की आवाज रिकॉर्ड कर रहे हैं, जबकि शोधकर्ताओं ने कोविड-19 रोगियों के खांसने की आवाज एकत्रित की हैं। क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी), भुवनेश्वर के निदेशक डॉ. संघमित्रा पाटी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना संक्रमितों को ढूंढने के लिए खांसी की आवाज के नमूनों के मिश्रित डाटाबेस पर एआई से विश्लेषण किया जाएगा। 

बता दें कि आरएमआरसी, भुवनेश्वर आईसीएमआर का एक स्थायी अनुसंधान केंद्र है।डॉक्टर का कहना है कि पिछले दिनों निमोनिया रोगियों के एक्स-रे विश्लेषण के मामले में एक समान अध्ययन किया गया था। लक्ष्य यह पहचानना था कि निमोनिया के मामले का एक्स-रे कौन सा है और कौन सा नहीं है। ओडिशा के लोगों ने एप का उपयोग करते हुए अध्ययन में भाग लेना शुरू कर दिया है।