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समधी बनेंगे किशोर कुणाल और अशोक चौधरी, जातीय बंधनों को तोड़ने वाले सायण और शाम्भवी की दोस्ती से रजामंदी की प्यारी कहानी

समधी बनेंगे किशोर कुणाल और अशोक चौधरी, जातीय बंधनों को तोड़ने वाले सायण और शाम्भवी की दोस्ती से रजामंदी की प्यारी कहानी

पटना. पूर्व आईपीएस एवं महावीर मंदिर न्यास पटना के सचिव आचार्य किशोर कुणाल और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी समधी बनने जा रहे हैं. किशोर कुणाल के पुत्र सायण कुणाल का विवाह अशोक चौधरी की बेटी शाम्भवी से हो रहा है. दोनों की सगाई के पूर्व गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आशीर्वाद देने पहुंचे. विधि से स्नातक सायण कुणाल की मंगेतर शाम्भवी दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से मास्टर की पढाई कर रही हैं. 

सायण और शाम्भवी के बीच पुरानी दोस्ती रही है. हालांकि इसे अरेंज मैरेज कहा जा रहा है लेकिन सूत्रों की मानें तो दोनों के बीच वर्ष 2017 से ही नजदीकियां बढ़ी. दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे और परिवार ने उनकी दोस्ती को रजामंदी दी. अब दोनों की सगाई हो गई और संभवतः नवम्बर-दिसम्बर महीने में शादी का विधान सम्पन्न होगा. 

संयोग से शाम्भवी के पिता अशोक चौधरी ने भी अंतरजातीय विवाह किया था. उनका भी प्रेम प्रसंग काफी प्रचलित रहा है. दोनों ने न सिर्फ विवाह किया बल्कि आज भी अशोक और नीता चौधरी अपने प्यार के दिनों की कहानी को खूब चाव से सुनाते हैं. अब उन्हीं की तर्ज पर उनकी बेटी भी आदर्श कायम करने जा रही है. सायण और शाम्भवी भी अंतरजातीय विवाह के बंधन में बंधने जा रहे हैं. इनके करीबियों का कहना है कि सायण और शाम्भवी की होने जा रही शादी एक सामाजिक मिसाल है. यह एक अंतरजातीय विवाह होगा जो समाज में जातीय दीवारों को तोड़ने की सीख देता है. 

भूमिहार जाति से आने वाले किशोर कुणाल के  घर की बहू दलित समुदाय की बेटी बनने जा रही है. अपने सार्वजनिक जीवन में दलितों के सशक्तिकरण और उन्हें सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाने में किशोर कुणाल ने कई मील के पत्थर कायम किए हैं. उनकी लिखित पुस्तक ‘दलित देवो भवः’ का प्रकाशन सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया था. इसमें भारतीय वाङ्मय में दलितों की गौरव गाथा का उल्लेख है. साथ ही बिहार की राजधानी पटना स्थित महावीर मंदिर में दलित समुदाय के व्यक्ति को पुजारी बनाने की पहल भी किशोर कुणाल ने की थी. आज तक मंदिर में यह परम्परा बरकरार है. अब किशोर कुणाल के पारिवारिक जीवन में भी जातीय दीवारों को गिराने की बड़ी पहल उनके पुत्र की शादी से साकार होने जा रहा है. 

बेटी की सगाई के बाद अशोक चौधरी ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकरी दी. उन्होंने कहा, बड़ी बेटी की सगाई है. अपनी व्यस्तताओं के बीच माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्री विजय कुमार चौधरी एवं संजय कुमार झा ने आवास पर आकर बेटी को आशीर्वाद दिया. इस अवसर उन्होंने होने वाले समधी आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र सायण कुणाल द्वारा लिखित पुस्तक 'दमन तक्षकों का' माननीय मुख्यमंत्री जी को भेंट की. 

सायण अपने माता-पिता के एकलौते पुत्र हैं. वहीं शाम्भवी अशोक चौधरी की बड़ी बेटी है. वह तीन बहनों में सबसे बड़ी है और पटना में कई कार्यक्रमों में सक्रिय रही है. वर्ष 2017-18 में पटना में जब सायण कुणाल के नेतृत्व में पाटलिपुत्र राष्ट्रीय युवा संसद का आयोजन हुआ था तब भी उस  आयोजन में शाम्भवी दिखी थी. 


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