बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

द्वितीय चरण की शिक्षक नियुक्ति मेे पुरानी गलती नहीं दुहराना चाहते केके पाठक, सभी जिलों के जिलाधिकारी को जारी कर ये दिया निर्देश

द्वितीय चरण की शिक्षक नियुक्ति मेे पुरानी गलती नहीं दुहराना चाहते केके पाठक, सभी जिलों के जिलाधिकारी को जारी कर ये दिया निर्देश

PATNA- शिक्षा विभाग में केके पाठक के आते ही हड़कंप मच गया. लगातार शिक्षा में सुधार के लिए कई तरह के निर्देश वो देते रहे. सबसे पहले एक जुलाई को उन्होंने सभी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की रिपोर्ट को हर दिन शाम में डायरेक्ट भेजने का निर्देश दिया. इसके बाद स्कूल में कौन शिक्षक कितने बजे आता है इस पर ध्यान दिया. उन्होंने हाजिरी के लिए सभी शिक्षकों को प्रिंसिपल को वीडियो कॉल करने का निर्देश दिया. इतना ही नहीं बल्कि समय पर मास्टर साहब स्कूल पहुंचें इसके लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और खुद केके पाठक स्कूलों का निरीक्षण करते रहे. जहां शिक्षकों की लापरवाही दिखी वहां त्वरित कार्रवाई की गई. वेतन तक रोकने का भी निर्देश दिया. केके पाठक ने यह भी निर्देश दिया कि सुबह 9:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक मास्टर साहब स्कूल में रहेंगे. इस निर्देश का पालन बिहार के स्कूलों में किया भी जा रहा है. मास्टर और शिक्षकों के अलावा शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों पर भी उन्होंने नकेल कसा है. हाल ही में उन्होंने निर्देश दिया है कि रविवार को भी प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर के सभी शिक्षा पदाधिकारी मुख्यालय पहुंचेंगे और पूरे सप्ताह का ब्योरा देंगे. इस पर अमल भी किया जा रहा है. 

इसी क्रम में बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से जारी चिट्ठी में कहा गया है कि 'आप अवगत हैं कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा द्वितीय चरण की शिक्षक नियुक्ति  की अनुशंसा कर दी गई है. इसके तहत अभी तक 94 हजार शिक्षकों की अनुशंसा प्राप्त हो गई है. शीघ्र ही बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा  द्वितीय चरण की शिक्षक नियुक्ति के पूरक परिणाम की भी घोषणा की जाएगी, जिसको मिलाकर यह संख्या एक लाख के पार हो जाएगी. इन अनुशंसाओं के अनुसार काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी है.'  काउंसलिंग के बाद इन सफल अभ्यर्थियों को तदर्थ नियुक्ति पत्र 13 जनवरी 2024 को माननीय मुख्यमंत्री के हाथों दिया जाना है इस हेतु निर्देश आपको अलग से पूर्व में निर्गत किया जा चुका है.

13 जनवरी 2024 को तदर्थ नियुक्ति पत्र देने के पश्चात इन विद्यालय अध्यापकों को विद्यालय पदस्थापन करना होगा। विद्यालय पदस्थापन के पहले प्रत्येक विद्यालय में जाकर शिक्षकों का यु क्तिकरण पदस्थापना किया जाना आवश्यक है. जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पूर्व में ये निर्देशित किया जा चुका है कि वे इसका आकलन कर अपना प्रस्ताव जिला पदाधिकारी के माध्यम से 15 जनवरी 2024 से 20 जनवरी 2024 के बीच में भेजें. आगे चिठ्टी में लिखा है कि विभाग को प्राप्त जानकारी के अनुसार,द्वितीय चरण की शिक्षक नियुक्ति में कई जिलों ने तर्कसंगत पदस्थापना को ठीक से नहीं किया. यानी कि जिन विद्यालयों में विद्यालय अध्यापक पर्याप्त संख्या में हैं, वहां बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अध्यापक भी भेज दिए गए या ऐसे विद्यालयों में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित शिक्षक नहीं भेजे गए, जहां पूर्व से शिक्षकों की कमी थी.जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा एक अध्यापक को 'एक यूनिट' मानकर प्रस्ताव दिया जाएगा। अतः जितने तदर्थ नियुक्ति पत्र हैं, उतने यूनिट आपको विभिन्न विद्यालयों में बांटनी है। यह काम बहुत गंभीरतापूर्वक और छात्रों के नामांकन को देखते हुए किया जाना होगा.

बहरहाल शिश्रा में सुधार के लिए पाठक ने यह कदम उठाया है. बता दें  34 पुरुष और महिलाओं से भरे एक एसी रूम में लगातार फोन की घंटियां बजती रहती हैं और बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों से लगातार शिकायतें आती हैं — स्कूल में कोई टीचर नहीं हैं, मिड-डे मील देर से आता है, स्टूडेंट्स को उनकी वर्दी नहीं मिली है. अपनी कंप्यूटर स्क्रीन पर नज़र गड़ाए, वे सब कुछ पर नजर रखते हैं और बिहार की शिक्षा प्रणाली की कई दिक्कतों को दूर करते हैं. यह कोई कॉल सेंटर नहीं है, बल्कि पटना सचिवालय में राज्य शिक्षा विभाग का कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर है — जो आईएएस अधिकारी केशव कुमार पाठक की सोच का नतीज है.पाठक बिहार के शिक्षा जगत के टीएन शेषन की तरह हैं. उनकी कड़क मिजाज़ छवि भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त की याद दिलाती है. उन्होंने छात्रों, शिक्षकों और स्कूल प्रशासकों के बीच भय का माहौल बना दिया है. चुनावी प्रणाली में शेषन की तरह, पाठक बिहार के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता, उपस्थिति से लेकर पढ़ाई की स्थिति को बेहतर करना चाहते हैं. 

Suggested News