पटना: सक्षमता परीक्षा के विरोध में नियोजित शिक्षकों ने 11 फरवरी को हर जिले में मशाल जुलूस निकाला था और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी. इसका फोटो और कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सरकार सक्षमता परीक्षा लेकर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देना चाहती है,इसके लिए पांच बार मौका मिलेगा. नियोजित शिक्षक बिना परीक्षा दिए ही राज्यकर्मी का दर्जा चाहते हैं. सक्षमता परीक्षा का विरोध करते हुए नियोजित शिक्षकों ने मशाल जुलूस निकाला तो शिक्षा विभाग ने अब सख्त रवैया अपनाया है.
मशाल जुलूस में शामिल शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजा गया है जिसमें मशाल जुलूस में शामिल नियोजित शिक्षकों को चिह्नित कर कार्रवाई करने की बात कही गई है. पत्र में कहा गया है कि ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है कि सक्षमता परीक्षा के विरोध में विभिन्न जिलों में नियोजित शिक्षकों के संगठन एवं शिक्षकों के द्वारा मशाल जूलूस निकालकर आन्दोलन किया जा रहा है। ये कृत्य शिक्षकों के आचरण के विपरीत है.अतः आप सभी को निर्देश दिया जाता है कि स्थानीय समाचार पत्र/सोशल मिडिया और अन्य एजेंसियों से सूचना प्राप्त कर मशाल जुलूस एवं आंदोलन में शामिल शिक्षकों को चिह्नत कर कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करेंगे। साथ ही विभाग को सूचित करें.
वहीं सीतामढी में मशाल जुलूस निकालकर शिक्षक आंदोलन में शामिल विभिन्न स्कूलों के 17 शिक्षकों को चिह्नित कर डीईओ ने शो-कॉज किया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश के आलोक में मामले में कार्रवाई के लिए डीईओ प्रमोद कुमार साहु ने संबंधित शिक्षकों को दो दिनों के जवाब देने का निर्देश दिया है.साथ ही संबंधित शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई है.
बिहार में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए विभाग की तरफ से लगातार सख्ती बरती जा रही है और शिक्षकों के संबंध में रोजाना नये फरमान भी जारी किए जा रहे हैं .वहीं सक्षमता परीक्षा का विरोध करने पवाले शिक्षकों पर शिक्षा विभाग कड़े एक्शन लेने की बात कर रहा है.