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केके पाठक के शिक्षा विभाग के फरमान से शिक्षकों में हड़कंप, वेतन काटने के आदेश से मच गया बवाल, मायूस टीचर्स ने अपने को बताया बंधुआ मजदूर

केके पाठक के शिक्षा विभाग के  फरमान से शिक्षकों में हड़कंप, वेतन काटने के आदेश से  मच गया बवाल, मायूस टीचर्स ने अपने को बताया बंधुआ मजदूर

पटना- शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के एक और आदेश पर विवाद हो रहा है, इसको लेकर शिक्षकों में आक्रोश है. शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक होली के दिन से शिक्षकों का प्रशिक्षण होगा.  25 से 30 मार्च तक 6 दिवसीय आवासीय ट्रेनिंग देने का आदेश जारी किया गया . 25 से 30 मार्च के दौरान 19 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए पत्र जारी किया गया .  शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए निर्धारित प्रशिक्षण संस्थान में 24 मार्च की शाम तक योगदान करने का आदेश दिया गया था. होली पर्व के कारण कई शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र पर उपस्थित नहीं हो सके. अब ट्रेनिग के लिए नहीं आने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने का निर्देश राज्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने दिया है. 

एक सप्ताह का कटेगा वेतन

राज्य अनुसंधान एवं परिषद के निदेशक ने सभी प्रशिक्षण केंद्रों के प्राचार्यों को जारी पत्र में कहा है कि राज्य के सभी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में 25 मार्च से छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शुरू किया गया है. प्रशिक्षण के संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को 20 मार्च को ही पत्र के माध्यम से सूचित कर दिया गया था.इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए प्रतिनियुक्त भी कर दिया गया है. लेकिन, इसके बाद भी कई शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने आवंटित प्रशिक्षण संस्थान में योगदान नहीं दिया है. ऐसे सभी शिक्षकों के एक सप्ताह का वेतन काटे जाने की कार्रवाई की जाएगी.

शिक्षकों ने कहा- वे बंधुआ मजदूर हैं

होली का त्योहार सूबे में मनाया जा रहा है और शिक्षकों की छुट्टी रद्द कर दी गई है. भाजपा जब सत्ता में थी तो शिक्षा विभाग के फरमान का विरोध करती थी. सत्ता में आने के बाद उसने मौन धारण कर लिया है. सीएम नीतीश हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्व की छुट्टी खत्म करने पर मुंह खोलने का नाम नहीं ले रहे हैं. भाजपा जहां सत्ता में आने से पहले शिक्षा विभाग के फैसले को तालीबानी बताते नहीं थकती थी वहीं अब होली जैसे पर्व पर छुट्टी खत्म करना तो छोड़िए शिक्षकों के वेतन काटने पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है. वहीं शिक्षकों का कहना है कि आखिर कोई कमाता क्यों है, अपने परिवार के लिे ,जब पर्व पर हीं अपनों के बीच न रहें तो क्या फायदा. उन्होंने कहा कि वे कहने को शिक्षक है, उन्हें नीतीश सरकार ने बंधुआ मजदूर बना दिया है. हिन्दुओं की छुट्टी लगातार खत्म की जा रही है. उनका कहना है कि बिहार के तमाम राजनीतिक दलों ने शिक्षकों के साथ मजाक किया है और वे लोकसभा चुनाव में अपना दम दिखाएंगे. 

विपक्ष का सरकार पर प्रहार 

वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.तेजस्वी ने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर पोस्ट में लिखा है कि- NDA की बिहार सरकार के आदेशानुसार शिक्षकों को होली के दिन भी उपस्थित रहना है। बिहार में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि होलिकोत्सव अथवा होली अवकाश के दिन जब पूरा राज्य होली मना रहा होगा, तब शिक्षक अपने परिवार से दूर रहेंगे। CM को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. 

दुहाई हो सरकार

सवाल है होली जैसे पर्व पर घोषित छुट्टी  शिक्षकों की खत्म करके आखिर शिक्षा विभाग की मंशा क्या है. जो लोग प्रशिक्षण में नहीं पहुंचे उनका वेतन काटने का फरमान जारी कर आखिर शिक्षा विभाग दर्शाना क्या चाहता है. सरकार दुहाई हो...अब तो इस मामले में अपनी कुंभकर्णी नींद खोलिए...शिक्षकों का आक्रोश बढ़ रहा है....और आपसे गुहार लगा रहे हैं.. दुहाई हो सरकार दुहाई हो.... 



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