पटना- अपर मुख्य सचिव के पाठक राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दायित्व संभालेंगे. पाठक अभी छुट्टी पर हैं. छुट्टी से लौटते हीं वे अपना प्रभार संबालेंगे. इससे पहले हीं राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है. केक पाठक नें महज एक साल में हीं शिक्षा विभाग की दशा और दिशा दोनों बदल दी. जो मास्टर साहब स्कूल में समय से नहीं आने के लिए जाने जाते थे वे समय से पहले विद्यालय पहुंचने लगे. केके पाठक राज्य के स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति पर कड़ी नजर रख रहे थे. स्कूल का काया कल्प हो गया.
केके पाठक दीपक कुमार सिंह की जगह लेंगे, जिन्हें ग्रामीण कार्य विभाग में स्थानांतरित किया गया है. पाठक बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बीआईपीएआरडी) के महानिदेशक का अतिरिक्त पदभार संभालते रहेंगे. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह को ग्रामीण कार्य विभाग में स्थानांतरित किया गया है.
केके पाठक को जैसे ही शिक्षा विभाग से हटाकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है. उनके विभाग के बदलते ही नये वाले विभाग में चर्चाओं का बाजार गर्म है. कथित तौर पर राजस्व विभाग के अधिकारीकागज दुरुस्त करने में लग गए हैं. कई अधिकारी तो उनके आने से पहले अपनी छुट्टी बिता लेना चाहते हैं.कई अधिकारी डाटा सुधारने में जुटे हुए हैं. लोग कहने लगे हैं कि अब गरीबों की जमीन पर कोई अमीर कब्जा नहीं कर पाएगा. केके पाठक गरीबों की जमीन हड़पने वाले पर कार्रवाई करेंगे. चर्चाओं का बाजार गर्म है . चर्चा है कि जमीन दलाल अब दूसरा काम खोजने में लगे हैं. केके पाठक को इस विभाग में गड़बड़ी को देखते हुए ही लाया गया है. केके पाठक को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जानबूझ कर इस विभाग में भेजा है.
कथित तौर पर केके पाठक आते ही बिहार के उन जमीनों को देखेंगे जो विनोबा भावे को भूदान में दी गई थी. जिस जमीन का बंटवारा किया गया था. उसके अलावा बिहार के कई जिलों में भूदान की जमीन पर भू माफिया का कब्जा है. मंदिर और मठ के नाम पर दान की गई जमीन को भी वे देखेंगे.भ्रष्टाचार पर उनकी निगाह तो रहेगी हीं. बहरहाल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में लोगों को पड़े पैमाने पर सुधार की उम्मीद है.