कुशवाहा ने BJP को बताया 'भ्रष्ट जन पार्टी', भड़की भाजपा ने JDU को बताया 'जालसाज-दगाबाज-उचक्का' पार्टी

PATNA:  बिहार में भाजपा और जेडीयू नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश कुमार और भाजपा के नेता-आमने-सामने हैं। करप्शन पर सीएम नीतीश ने बीजेपी को दिखाया आईना तो सुशील मोदी ने तेजस्वी के भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री से तीखे सवाल पूछे हैं। इसके बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा भी मैदान में उतर गये। उन्होंने भाजपा को भ्रष्ट जन पार्टी बता दिया। भला भाजपा कहां चुप रहने वाली थी। बीजेपी ने जेडीयू को जालसाज-दगाबाज-उचक्का पार्टी करार दे दिया। साथ ही उपेन्द्र कुशवाहा को राजनीतिक मंथरा कहा। 

कुशवाहा ने बीजेपी को बताया भ्रष्ट जन पार्टी 

जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा। कुशवाहा ने बीजेपी से पूछा  बंगाल में मुकुल राय शारदा चिट फंड घोटाले के आरोपी थे। कर्नाटक में रेड्डी बंधुओं पर माइनिंग घोटाले का आरोप था। येदुरप्पा जी का भ्रष्टाचार जगजाहिर है, आपने CM बनाया। भाजपा (भ्रष्ट जन पार्टी) में शामिल होते ही सभी का केस बंद। उपेन्द्र कुशवाहा आगे लिखते हैं कि महाराष्ट्र में नारायण राणे आदर्श घोटाले में लिप्त थे।असम में हेमंत बिस्वा शर्मा पर भाजपा ने ही PWD घोटाले के आरोप लगाए थे। भाजपा (भ्रष्ट जन पार्टी) में शामिल होते ही सभी का केस बंद.

बीजेपी ने कुशवाहा को बताया राजनीतिक शकुनी

भाजपा को भ्रष्ट जन पार्टी कहने जाने पर बीजेपी ने भी करारा जबाव दिया है। बिहार बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने उपेन्द्र कुशवाहा को राजनीतिक शकुनी करार दिया है। साथ ही जेडीयू का मतलब भी समझाया है- जालसाज + दगाबाज + उचक्का पार्टी. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राजनैतिक शकुनी उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने ट्वीट में भाजपा के बारे में जो कहा है थोड़ा जनता दल यूनाइटेड के बारे में भी जान लें। जदयू का मतलब - ( जालसाज + दगाबाज + उचक्का पार्टी ) है। राष्ट्रीय शकुनी,राजनैतिक गिरगिट और सियासी मंथराओ से भरी पार्टी  का मतलब जनता दल यूनाइटेड है। बीजेपी प्रवक्ता अरविन्द सिंह ने कहा है कि आपको भ्रम हो गया है जब आप राजद सुप्रीमो के पैर छू रहे होंगे, तब आपको पता न था कि वह होटवार जेल में कैदी नंबर कितना थे? जब आप बिहार के डिप्टी सीएम के बगल में बैठते होंगे तब आपको पता नहीं था कि वह किसलिए  बेल लिए हैं? विभिन्न धाराओं से सुशोभित मंत्रियों के साथ जब बैठ करके चाय पीते होंगे तो नहीं समझ में आ रहा होगा कि किस धारा और घोटालों में फंसे हुए लोग हैं। आपको याद होगा न कि कितने करोड़ का चारा घोटाला था.उस चारा घोटाला के संबंधित कागजात सीबीआई को देने वाले आपके राष्ट्रीय अध्यक्ष ही न थे?