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रघुवंश बाबू की मौत पर मातम और रामा सिंह के लिए टिकट का जश्न, लालू तेजस्वी के चुनावी प्लान की इनसाइड स्टोरी

रघुवंश बाबू की मौत पर मातम और रामा सिंह के लिए टिकट का जश्न, लालू तेजस्वी के चुनावी प्लान की इनसाइड स्टोरी

PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हर पॉलिटिकल पार्टी अपने प्लान के मुताबिक चल रही है. सत्ता की चाह और कुर्सी के लिए हर तरह के दांव पेच का दौर चालू है. इस बीच रामा सिंह के लिए राजद  के पॉलिटिकल प्लान का खुलासा हो गया है. रघुवंश के लिए आंसू और रामा सिंह के लिए टिकट, लालू यादव की पार्टी इस प्लान पर आगे बढ़ते दिख रही है.

रघुवंश बाबू की मौत पर मातम और रामा सिंह के लिए टिकट का जश्न
रामा सिंह से रघुवंश बाबू की अदावत किसी छिपी नहीं थी. राम सिंह की राजद में एंट्री पर भी रघुवंश प्रसाद की नाराजगी भी जग जाहिर थी. रामा सिंह की खिलाफत करने के दौरान ही रघुवंश बाबू का निधन हो गया. खबर आई की लालू यादव रघुवंश बाबू के निधन को लेकर सदमे में हैं. राजद को लीड कर रहे तेजस्वी यादव अंतिम संस्कार से लेकर श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल हुए लेकिन चुनाव की तारीखों के ऐलान होते ही कल यानि रविवार को रामा सिंह की राबड़ी आवास में एंट्री हो गई. बताया जाता है कि रामा सिंह ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की है. अंदरखाने से यह खबर यह भी है कि इस मुलाकात के दौरान रामा सिंह ने अपने टिकट भी फाइनल करवा लिया है.सियासी गलियारे में यह चर्चा तेज है कि रामा सिंह लालगंज या महनार से राजद के सिंबल पर चुनावी मैदान में अपनी दावेदारी ठोक सकते हैं. इसको लेकर अंदरखाने तैयारी भी तेज चल रही है. रामा सिंह की राजद में एंट्री कई महीनों से टाली जा रही थी 29 जून को डेट भी फिक्स कर दिया गया था लेकिन रघुवंश बाबू की खिलाफत के बाद मामले को टाल दिया गया था. लेकिन अब  बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने सब कुछ सेट कर दिया है.

लालू तेजस्वी के चुनावी प्लान की इनसाइड स्टोरी
एक तरफ 32 वर्षों तक राजद के इमानदार सेवादार और प्रखर समाजवादी रघुवंश बाबू की मौत पर लालू और तेजस्वी मातम मनाते हैं एवं मीडिया के माध्यम से अपने संवेदनशील होने का हवाला भी देते हैं तो वहीं दूसरी तरफ रामा सिंह जैसे राजनीतिक व्यक्तित्व के धुर विरोधी रघुवंश बाबू की मौत के ठीक बाद रामा की राजनीतिक खेती लालू तेजस्वी आबाद करने में लग जाते हैं। इसका मतलब समझना होगा। कहा जाता है कि लड़ाई में मतलब जीत का ही होता है। बिहार विधानसभा चुनाव की लड़ाई लालू और तेजस्वी हर कीमत पर जीतना चाहते हैं उसके लिए चाहे सिद्धांतों की बलि ही क्यों न देना पड़े रघुवंश हो या कोई और उनकी मौत से कोई फर्क नहीं पड़ता। राजद नेतृत्व राजनीति की बिसात पर ऐसे मोहरे खड़ा करना चाह रहा है जो हार को भी जीत में बदलने का माद्दा रखते हो। यही कारण है कि बिहार की राजनीति के ब्रह्म बाबा खाटी समाजवादी नेता रघुवंश बाबू की मौत के तुरंत बाद रामा सिंह की राजनीतिक हैसियत राजद में अचानक बढ़ गई.

पार्टी बड़ी होती है व्यक्ति नहीं
रामा सिंह ने कहा है कि राजद में शामिल होने की सहमति हमने पहले ही दे दी है. एक दो दिन में पार्टी का जो भी निर्णय होगा वो सामने आ जाएगा. इसके साथ ही रामा सिंह ने कहा है कि पार्टी बड़ी होती है व्यक्ति नहीं. इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने से इंकार किया लेकिन कहा कि पूरे बिहार में राजद की लहर है.अब देखना है कि राजद चीफ लालू यादव की पॉलिटिकल प्लानिंग के किस हिस्से में रामा सिंह को चुनावी मैदान में उतरने की बात का खुलासा होता है.

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