लखीसराय विधानसभा सीट पर व्यवसायियों के बीच घमासान, एनडीए से दवा व्यवसायी एवं महागठबंधन से मिठाई व्यवसायी आमने-सामने
 
                    - लखीसराय विधानसभा चुनाव क्षेत्र से 18 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं
- बिहार विधानसभा चुनाव अंतर्गत पांच बार 1977 तक बड़हिया विधानसभा चुनाव के अधीन लड़ा गया, 1980 से लखीसराय विधानसभा चुनाव हुआ
- लखीसराय विधानसभा क्षेत्र समाजवादी का गढ़ रहा है, सिर्फ तीन बार कांग्रेस इस क्षेत्र से विजयी हो पाई है। दो बार राजद शेष सोशलिस्ट पार्टी जनता पार्टी चार बार भाजपा ने कब्जा किया।
- मुद्दा जगदंबा स्थान व इन्द्रदमनेश्वर अशोक धाम को धार्मिक पर्यटक स्थल एक फसली बड़हिया मोकामा टाल को दो फसली करण बड़हिया में बाईपास टेक्निकल शिक्षा स्वास्थ्य आदि है।
लखीसराय... बिहार विधानसभा चुनाव में 2020 में भाजपा विधायक सह श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा को घेरने के लिए महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस प्रत्याशी अमरेश कुमार अनीष को उतारा गया है। दोनों प्रत्याशी को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं का भीतरी घात का सामना करना पड़ा है, जिसको लेकर भाजपा नेत्री कुमारी बवीता एवं जदयू नेता सुजीत कुमार महागठबंधन की ओर से पूर्व विधायक फुलेना सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर जाने से चुनाव दिलचस्प बना दिया है। अभी तक कहना मुश्किल है कि बाजी कौन मारेगा। भाजपा विधायक विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ एंटी इंनकभनेसी का मतदाताओं को बीच चल रहा है। वहीं, महागठबंधन प्रत्याशी अमरेश कुमार अनीष का मैनेजमेंट का घोर अभाव है संचालक के अभाव में चैथे बार सिन्हा विधानसभा पहुंच जाये शक नहीं है। जीत हार पांच हजार के भीतर होने की प्रबल संभावना बढ़ गई है। तीनों निर्दलीय प्रत्याशी दस हजार से अधिक वोट लाएंगे एनडीए एवं महागठबंधन की ओर नेताओं आकर चुनावी सभा को संबोधित कर चुके हैं, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, मुकेश साहनी शामिल हैं। वहीं, महागठबंधन की ओर से महागठबंधन के मुखिया तेजस्वी यादव, फिल्म स्टार राज बब्बर, डॉ. अखिलेश सिंह आदि कर चुके हैं। तेजस्वी के चुनावी सभा में मतदाताओं के भरपूर आॅक्सीजन मिल रहा है। वहीं एनडीए चुनावी में मतदाताओं का आॅक्सीजन नहीं मिल रहा है, जिससे श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा को पसीना छूट रहा है। हालांकि सवर्ण जातियों जो एनडीए का परंपरागत वोट में विजय कुमार सिन्हा का जबरदस्त विरोध है तो महागठबंधन प्रत्याशी अमरेश कुमार अनीष को मतदाताओं सिन्हा के सामने कमजोर प्रत्याशी आंक रहे हैं।
1977 तक बड़हिया विधानसभा
लखीसराय से पहले यह बड़हिया विधानसभा क्षेत्र हुआ करता था। पांच बार विधानसभा चुनाव होने के बाद परिसीमन हुआ और बड़हिया विधानसभा को लखीसराय विधानसभा के नाम से जाना जाने लगा। वर्ष 1957, 1962, 1967 और 1972 में बड़हिया विधानसभा से सोशलिस्ट पार्टी से कपिलदेव सिंह जीते। वहीं, 1969 के उपचुनाव में कांग्रेस के सिधेश्वर प्रसाद सिंह विजयी रहे थे। 1975 में परिसीमन के बाद लखीसराय विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया और 1977 में हुए चुनाव में यहां से जनता पार्टी के कपिलदेव सिंह निर्वाचित हुए।
निवर्तमान विधायक विजय कुमार सिन्हा ने वर्ष 2005, 2010 और 2015 में यहां से जीत हासिल की। हालांकि 2005 के ही उपचुनाव में यहां से राजद के फुलैना सिंह ने जीत दर्ज की, लेकिन अगली बार पुनः विजय कुमार सिन्हा विजयी हुए।
धार्मिक पर्यटक स्थल की मुद्दा, अशोकधाम व महारानी स्थान प्रसिद्ध धार्मिक स्थल
लखीसराय का अशोकधाम मंदिर और बड़हिया का मां बाला त्रिपुर सुंदरी मंदिर यहां का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। अशोकधाम बिहार का देवघर माना जाता है। यहां सावन के अलावा शिवरात्रि सहित अलग-अलग त्योहारों के समय श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। दशहरा के समय बड़हिया स्थित महारानी स्थान में भी मत्था टेकने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं।
ये है लोगों की समस्या
लखीसराय विधानसभा क्षेत्र के लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। गांवों में बड़हिया बाईपास बिजली-सड़क जैसी सुविधाएं अभी भी सुदृढ़ इलाकों में नहीं हैं लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि कभी विकास कार्यों को लेकर संजीदा नहीं दिखे। चुनाव का सिलसिला जारी है, लेकिन शहर की सुरत नहीं बदली। कई नेताओं की तकदीर बनी लेकिन लखीसराय का विकास नहीं हो पाया। क्षेत्र में उच्च शिक्षा एवं टेक्निकल शिक्षा इंजिनीयरिंग मेडिकल कॉलेज की नहीं हो पायी कोई व्यवस्था महिला सुरक्षा के मुद्दे पर कोई ठोस पहल नहीं किया गया। किसानों के समक्ष सिंचाई समस्या आज भी बरकरार है। दूषित जल पीने के कारण पूरे गांव के लोग बीमार रहते हैं।
लखीसराय विधानसभा क्षेत्र से 18 प्रत्याशी भाग आजमाने में लगे हुए हैं जिनमें चार निर्दलीय प्रत्याशी त्रिणोत्मक संघर्ष बनाने के फिराक में है ।
कुल मतदाता 3,68,446
पुरुष मतदाता 1,91,267
महिला मतदाता 1,67,172
थर्ड जेंडर 07
कब कौन जीते
1977 कपिलदेव सिंह, सोशलिस्ट पार्टी
1980 अश्विनी कुमार शर्मा, कांग्रेस
1985 कृष्णचंद्र प्रसाद सिंह, जनता दल
1990 कृष्णचंद्र प्रसाद सिंह, जनता दल
1995 यदुवंश प्रसाद सिंह, जनता दल
2002 कृष्णचंद्र प्रसाद सिंह, बीजेपी
2005 विजय कुमार सिन्हा बीजेपी
2005 अक्तूबर फुलेना सिंह, राजद
2010 विजय कुमार सिन्हा, बीजेपी
2015 विजय कुमार सिन्हा, बीजेपी
लखीसराय से कमलेश कुमार की रिपोर्ट
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    