यूपी का दिया उदाहरण
ललन सिंह ने कहा है कि नीतीश जी को चुनौती देने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें। उत्तर प्रदेश सरकार के कारनामों को देख लें। यूपी के मंत्री श्री राकेश सचान को कितने साल की सजा हुई है ? सजायाफ्ता होने के बाद भी मंत्री बने हैं कि नहीं ? मंत्री जी अदालत से सजा की कॉपी लेकर भाग गए। कुछ बोलने से पहले थोड़ी तो शर्मिंदगी का अहसास कीजिए। नीतीश जी को ज्ञान देने की जरूरत नहीं है।
चलनी और सूप का दिया उदाहरण
ललन सिंह ने लिखा है कि एक कहावत है, 'चलनी दूसे सूप को जिसमें खुद बहत्तर छेद'... नैतिकता का पाठ पढ़ाने से पहले अपनी नैतिकता का भी आकलन कर लें। लखीमपुर खीरी का जवाब भी जनता आपसे जानना चाहती है। जरा मुंह तो खोलिए, कुछ तो बोलिए..! और जरा यह भी बताइये कि लखीमपुर खीरी की घटना पर सर्वोच्च न्यायालय ने क्या-क्या टिप्पणियां की थी आपकी उत्तरप्रदेश सरकार पर। आत्ममंथन कीजिए, चिंतन-मनन कीजिए..... तब बोलिए।