PATNA : बिहार में राजद की सरकार में वापसी कराने के बाद अब लालू प्रसाद अपने दूसरे मिशन में जुट गए हैं। यह काम है राजद को मजबूती देना और कमेटी के विस्तार का। तेजस्वी यादव प्रदेश के डिप्टी सीएम बन चुके हैं। ऐसे में अब पूरा फोकस पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष और संगठन के दूसरे पदाधिकारियों की नियुक्ति पर चला गया है।
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पहले ही कह चुके हैं कि अब वह फिर से यह जिम्मेदारी नहीं संभालना चाहते हैं। ऐसे में अकलियत या दलित कोटे से प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की चर्चा जोरों पर है। इनमें जो नाम सबसे ऊपर चल रहा है, वह है अब्दूल बार सिद्दीकी का। इसके संकेत तब मिले, जब उपमुख्यमंत्री बनने के बाद तेजस्वी यादव ने वरीय नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के आवास पर जाकर शिष्टाचार मुलाकात की जिसके बाद सिद्दिकी के दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की चर्चा तेज हो गई है।
यह लोग भी हैं दावेदार
वहीं दलित कोटे से विधायक भूदेव चौधरी या पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के भी नाम पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो सिद्दिकी के नहीं तैयार होने पर भूदेव चौधरी या उदय नारायण चौधरी में से कोई अध्यक्ष बनाया जा सकता है। वर्तमान अध्यक्ष जगदानंद सिंह अपने तरफ से उदय नारायण चौधरी का नाम आगे किये हुए हैं।
दूसरी तरफ मंत्री बनने की दौड़ में रहने के बाद भी पिछड़ जाने वाले भूदेव चौधरी को संगठन में बढ़िया पद मिलने का आश्वासन राजद नेतृत्व से मिला है। वैसे पूर्व मंत्री श्याम रजक को भी प्रदेश संगठन में एडजस्ट करने का दबाव है।
यह भी संभव
हालांकि सरकार में आने के बाद नेताओं-कार्यकर्ताओं पर अंकुश लगाए रखने के लिए राजद नेतृत्व पर जगदानंद सिंह को ही अध्यक्ष पद पर कंटिन्यू करने का भी दबाव है। यह इसलिए क्योंकि प्रदेश से लेकर पंचायत स्तर तक राजद समर्थकों को अनुशासित बनाये रखने में जगदानंद सिंह अब तक कारगर रहे हैं।
अब तक के प्रदेश अध्यक्ष
राजद के प्रदेश अध्यक्ष 1. कमल पासवान (दलित), 2. उदय नारायण चौधरी (दलित), 3. पीताम्बर पासवान (दलित), 4. अब्दुल बारी सिद्दिकी (मुस्लिम), 5. रामचंद्र पूर्वे (वैश्य) और 6. जगदानंद सिंह (सवर्ण)