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'नीतीश' के खास 'मंत्री' के सवालों से तिलमिला जाएंगे लालू-तेजस्वी ? 2007 से पहले 'दलितों' को समानता का अधिकार क्यों नहीं मिला...पहले की सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण क्यों नहीं दिया ?

'नीतीश' के खास 'मंत्री' के सवालों से तिलमिला जाएंगे लालू-तेजस्वी ? 2007 से पहले 'दलितों' को समानता का अधिकार क्यों नहीं मिला...पहले की सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण क्यों नहीं दिया ?

PATNA: लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार दलितों को साधने की कोशिश में जुट गए हैं. दलित-महादलित समाज न भाजपा के साथ जाय और न सहयोगी राजद के साथ सटे, इसको लेकर जेडीयू नेता रथ पर सवार हो गए हैं.  पार्टी के नेता पूरे बिहार में घूम घूमकर दलित समाज को बतायेंगे कि किसी दूसरी सरकार या नेता ने नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपको समानता का अधिकार दिया है, आपको पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण देकर राजनीतिक रूप से सबल बनाया है. दलितों को अधिकार देने की उपलब्धि लेने में जेडीयू नेता अपने सहयोगी लालू-राबड़ी सरकार पर भी तंज कसने से बाज नहीं आ रहे. मुख्यमंत्री के बेहद करीबी नेता व भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने साफ कहा कि 2007 से पहले दलितों को समानता का अधिकार क्यों नहीं मिला ? पहले की सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण क्यों नहीं दिया..किसने रोक रखा था ? य़ह सवाल उठाकर मंत्री अशोक चौधरी ने बिना नाम लिए 1990 से 2005 तक बिहार की सरकार चलाने वाले लालू-राबड़ी पर भी बड़ा हमला बोला. 

नीतीश कुमार ने दलितों-पिछड़ों को आगे बढ़ाया

संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ, देश बचाओ के संदेश के साथ जदयू 5 नवंबर को पटना में भीम संसद का आयोजन करेगी. पटना के वेटनरी ग्राउंड में आयोजित होने वाले भीम संसद के पूर्व मंगलवार को सीएम नीतीश ने इस कार्यक्रम से सम्बंधित रथों को झंडी दिखाकर रवाना किया. इस कार्यक्रम का आयोजन भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी की देखरेख में आगे बढ़ाया जा रहा है. रथ को हरी झंडी दिखाने के बाद मंत्री अशोक चौधरी ने 2007 से पहले की सरकारों पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार ने 17-18 वर्षों में अनुसूचित जाति-जनजाति को लेकर काफी काम किया है. हमलोग इसी बात को रखने का प्रयास कर रहे हैं. जिस नेता ने दलितों-महादलितों को राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक रूप से मजबूत करने का काम किया है उसके मनोबल को बढ़ाने का काम करना है.  2007 से पहले प्रदेश में हमारी आबादी कितनी थी, अब तो जाति गणना में यह बात आ गई. 1931 में जो जातिगत गणना हुई उसमें दलित की संख्या 14-15 परसेंट थी.  2007 से पहले दलित समाज के कितने लोग मुखिया थे... कितने अति पिछड़ी के लोग जिला परिषद के अध्यक्ष थे. आधी आबादी महिलाओं की है. कितनी महिला पंचायती राज व्यवस्था में आगे बढ़ी थीं ? हमारे नेता ने 2007 में इस वर्ग को पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण दिया . तब आज दलित अति पिछड़े मुखिया, जिला परिषद अध्यक्ष दिख रहे हैं. हमारे नेता नीतीश कुमार ने नई राजनीतिक पीढ़ी को जन्म देने का काम किया है. सबको आर्थिक, राजनीतिक रूप से सबल करने का काम किया है. 

2005 से पहले कल्याण विभाग का बजट क्या था....?

अशोक चौधरी ने बिना नाम लिए लालू-राबड़ी राज पर दलितों-पिछड़ों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किये. उन्होंने कहा कि  2005 से पहले कल्याण विभाग का क्या बजट था... पहले सिर्फ कल्याण विभाग था. उसी से अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति सब लोगों की कल्याण का काम होता था. 2007 में हमारे नेता ने अलग अनुसूचित जाति जनजाति का विभाग बना दिया. इस विभाग का आज का बजट है... 1682 करोड़.  पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग बनाया, बजट है 1432 करोड़. जो नेता बड़ा होता और दूरदर्शी होता है वह यह सब काम करता है.

2007 तक दलितों- अति पिछड़ों को क्यों इंतजार करना पड़ा?

 बाबा साहब ने क्या कहा था.... संविधान में समानता का अधिकार है. संविधान कब बना, लागू कब हुआ ? 2007 तक दलितों- अति पिछड़ों को क्यों इंतजार करना पड़ा? पहले की सरकारों ने क्यों नहीं पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण देने का काम किया? यह काम तो नीतीश कुमार ने किया. आज अंबेडकर छात्रावास कौन बना रहा है... दलित बच्चों को पढ़ाने का काम कौन कर रहा है... यह सब काम तो नीतीश कुमार काम कर रहे हैं. 32000 प्राथमिक विद्यालयों का निर्माण कराया, महादलित टोला में स्कूल बनवाया गया. हम लोग घूम घूम कर यही कहेंगे कि जो नेता आपके साथ खड़ा है आप भी उसके साथ खड़े रहिए.

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