PATNA : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि सरकार ने जनहित के मुद्दों को रोकने औऱ सदन में नहीं उठाने देने के लिए बिहार विधानसभा के आगामी सत्र को छोटा कर दिया है। विधायिका को महत्वहीन औऱ अपमानित करना सरकार की आदत बन गई है।
सिन्हा ने कहा कि 6 से 10 नवम्बर तक के लिये बनाये गए सत्र के कार्यक्रम में पूर्व की भांति एक बार गृह, सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों से प्रश्न नहीं पूछे जा सकेंगे। ये सभी विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है। राज्य में बढ़ रही हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार औऱ अपहरण जैसे मामलों में प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे। क्योंकि ये गृह विभाग से सम्बंधित हैं औऱ यह मुख्यमंत्री के अधीन है।
सिन्हा ने कहा कि इस बार सत्र के कार्यक्रम को 17 अक्टूबर की शाम में जारी किया गया है। यह तिथि दुर्गा पूजा की तृतीया तिथि थी। पक्ष-विपक्ष के सभी विधायक अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पूजा की व्यवस्था देख रहें हैं। विधानसभा कार्यालय 21 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक बंद है। 25 अक्टूबर को ही 3 बजे अपराह्न तक शिक्षा, उत्पाद मद्य निषेध, ग्रामीण कार्य, ग्रामीण विकास, भवन निर्माण, जल संसाधन, पथ निर्माण जैसे अति महत्वपूर्ण विभागों के प्रश्न डालने की तिथि है। अधिकांश विधायक प्रश्न डालने से वंचित हो जाएंगे। क्योंकि 24 अक्टूबर को विजया दशमी के अगले दिन समय पर पटना आना सम्भव नहीं है। सरकार अपनी मंशा में सफल होगी। गैर सरकारी संकल्प की भी आखिरी तारीख 26 अक्टूबर के 3 वजे अपराह्न तक ही है। अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में ऑनलाइन प्रश्न पूछने की व्यवस्था मेरे द्वारा शुरू करायी गई थी। लेकिन जब विधायकगण क्षेत्र में पूजा कार्यक्रमों में व्यस्त रहेंगे तो ऑनलाइन प्रश्न करना भी उनके लिये कठिन है।
सिन्हा ने कहा कि सरकार ने विधानसभा का कार्यक्रम जारी कर संदेश दिया है कि सनातन धर्म के पर्व त्योहार की इन्हें चिंता नहीं है। सामान्य रूप से यह सत्र दीपावली और छठ पर्वों के बाद नवम्बर के अंतिम सप्ताह अथवा दिसम्बर के पहले पखवाड़े में संपन्न होता था। पर इस बार सरकार ने तुष्टिकरण के नीति पर चलते हुए हिंदुओं के पर्व त्यौहारों की उपेक्षा की है। सिन्हा ने कहा कि राज्य की जनता सब देख रही है। सरकार को सबक सिखाने के लिए जनता संकल्पित है।