बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

रेलवे स्टेशनों में अब चाय नाश्ते के लिए दोना-पत्तल का किया जाएगा प्रयोग, एक साथ इतने स्टेशनों पर की जा रही है व्यवस्था, स्थानीय लोगों को मिलेगा काम

रेलवे स्टेशनों में अब चाय नाश्ते के लिए दोना-पत्तल का किया जाएगा प्रयोग, एक साथ इतने स्टेशनों पर की जा रही है व्यवस्था, स्थानीय लोगों को मिलेगा काम

DESK : रेलवे स्टेशनों पर थर्माकोल और कागज-प्लास्टिक की बर्तनों की जगह अब भोजन और चाय-नाश्ते के लिए दोना-पत्तल, कुल्हड़ और टेराकोटा के बर्तनों का उपयोग किया जाएगा। आईआरसीटीसी द्वारा जल्द ही एक साथ 400 रेलवे स्टेशनों पर एक साथ यह व्यवस्था करने जा रही है। आईआरसीटीसी ने यह पहल पर्यावरण संरक्षण, पारंपरिक खानपान व शैली और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने को ध्यान में रखकर की है। 

आइआरसीटीसी की ओर से पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए उक्त योजना बनाई गई है। छत्तीसगढ़ में माहुल पत्ते से दोना-पत्तल बनाया जाता है। दक्षिण भारत के होटलों में केले की पत्ते और उत्तर प्रदेश के बनारस में बरगद व कहटल के ताजे पत्ते पर नाश्ता देने का चलन है। इनसे न तो पर्यावरण को नुकसान होता है और न ही मवेशियों की जान को खतरा रहता है। अब इनका प्रयोग ज्यादातर रेलवे स्टेशनों में करने की तैयारी की जा रही है।

बिलासपुर जोन के ऐसे 25 स्टेशनों का चयन किया गया है, जिसमें बिलासपुर मंडल के 12, रायपुर के छह और नागपुर के सात स्टेशन शामिल हैं। दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे के साथ ही अन्य जोन को भी इसी तरह स्टेशनों का चयन करने के लिए कहा गया है। रेलवे स्टेशनों की बड़ी फूड यूनिट की कमान भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) के पास है। यहां यात्रियों को भोजन परोसने के लिए प्लास्टिक का उपयोग होता है। इससे पर्यावरण को नुकसान होता है।

Suggested News