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चिराग पासवान का घर में ही हो गया विरोध, चाचा पशुपति ने कहा- NDA के वोट और पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे के बल पर ही सांसद बना

चिराग पासवान का घर में ही हो गया विरोध, चाचा पशुपति ने कहा- NDA के वोट और पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे के बल पर ही सांसद बना

patna : बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही अब सियासी हलचल तेज हो गई है. सियासी दल अपने उम्मीदवारों के चयन और उन्हें मैदान में भेजने की तैयारी में जुटे हैं लेकिन इस बीच लोजपा चीफ चिराग पासवान की मुसीबत बढ़ गई है. लोजपा और जदयू के बीच चल रही खिंचतान में नया मोड सामने आ गया है. एनडीए से अलग होकर लोजपा की चुनाव लड़ने की बात पर चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने ही ब्रेक लगा दिया है.

पीएम के चेहरे पर बना हूं सांसद
अंदरखाने से खबर है कि शनिवार की देर रात तक सांसद पशुपति पारस ने अन्य सांसदों के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. पारस ने साफ कहा कि वे एनडीए के वोट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही सांसद बने हैं. लिहाजा, ऐसा कुछ नहीं करेंगे, जिससे एनडीए में फूट पड़े. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के उन नेताओं से भी बातचीत की जो पिछले चुनाव में लोजपा के उम्मीदवार थे और इस बार भी चुनाव लड़ना चाहते हैंबताया जाता है कि एनडीए से अलग होकर चुनावी मैदान में उतरने की बात पर केवल प्रिंस पासवान ही चिराग के साथ खड़े दिख रहे हैं. लेकिन बताया यह भी जा रहा है कि पशुपति पारस के बाद प्रिंस पासवान ने भी सांसदों से बात कर फीडबैक लिया है.

चिराग किस विकल्प की और बढ़ेंगे आगे
लोजपा की तरफ से बताया गया है कि सीटों को लेकर अभी फाइनल बातचीत नहीं हुई है. ऐसे में चिराग के अपनों का विरोध इस चुनाव के दिशा को बदल सकता है. बताया जाता है कि चिराग खुद को और पार्टी को इस चुनाव में मजबूत हालात में खड़ा करना चाहते थे. इसलिए 143 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात हो रही थी. चिराग के इस तेवर का उपेन्द्र कुशवाहा और पप्पू यादव कब से इंतजार कर रहे हैं कि चिराग कोई फैसला लें तो तीसरा मोर्चा बनाकर चुनावी मैदान में एक साथ उतरा जाए. ऐसे में चिराग के घर में ही चिराग का विरोध शुरू हो गया. अब चिराग के पास दो विकल्प बचे हैं या तो चिराग घर की बगावत को नजरअंदाज करे और अपने फैसले पर अमल करें, या फिर अपने की बात मानकर एनडीए के साथ चुनाव लड़े.  लेकिन दोनों ही विकल्प में उन्हें एक विकल्प की कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी.


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