MADHEPURA : बिहार में कभी राजनीति का केंद्र रहे मधेपुरा लोकसभा सीट पर आनेवाले चुनाव में कौन चुनाव लड़ेगा, इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है। कभी इस सीट पर शरद यादव ने लालू प्रसाद को पटखनी दी थी। अब शरद यादव के निधन के बाद उनके बेटे शांतनु ने इस सीट से अपनी दावेदारी पेश कर दी है। शांतनु अभी से ही यहां लोगों से संपर्क करने में जुट गए हैं।
इसमें शरद की धर्म पत्नी डा. रेखा यादव उन्हें सहयोग कर रही हैं। वह मधेपुरा के उसी आवास में रह रही हैं, जिसका निर्माण शरद यादव ने कराया था।
बता दें कि शरद के पूरे परिवार का नाम मधेपुरा की मतदाता सूची में है। शांतनु (Shantanu Yadav Profile) की उम्र करीब 30 साल है। एमए की पढ़ाई इंग्लैंड में हुई है। अगर अवसर मिलता है तो 2024 का लोकसभा चुनाव उनका पहला होगा।
मधेपुरा चार बार सांसद रहे शरद यादव, अंतिम चुनाव हारे
1991, 1996, 1999 और 2009 में शरद ने लोकसभा में मधेपुरा का प्रतिनिधित्व किया था। 2019 में शरद जदयू के दिनेश चंद्र यादव के हाथों पराजित हुए।
12 जनवरी को प्रतिमा का अनावरण
शरद यादव का निधन इस साल 12 जनवरी को हुआ था। पहली पुण्यतिथि पर मधेपुरा में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की योजना है। शिक्षा मंत्री डा. चंद्रशेखर ने उनकी प्रतिमा का निर्माण किया है।इसे मधेपुरा के नए बस स्टैंड पर स्थापित करने की योजना है। इसके लिए राज्य सरकार से अनुमति की जरूरत है। रविवार को शांतनु ने इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भेंट भी की।
फिलहाल, यह सीट जदयू के पास है। कभी शरद के शिष्य रहे दिनेशचंद्र यादव यहां से जदयू के सांसद हैं। जदयू और राजद महागठबंधन में हैं। शांतनु राजद में हैं। ऐसे में शरद यादव के जिंदगी के आखिरी सालों में नीतीश कुमार से उनके रिश्ते रहे थे, इस सीट पर शांतनु की दावेदारी को नीतीश कुमार अपनी रजामंदी देंगे, इसको लेकर संशय बनी हुई है।