N4N DESK: हिंदू धर्म में ग्रहण को शास्त्र और ज्योतिषी के लिहाज से काफी अहम माना जाता है। हालांकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण लगना अशुभ माना जाता है, मगर कई बार यह अच्छे प्रभाव भी लेकर आता है। इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगने जा रहा है। साल के आखिरी चंद्र ग्रहण को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है।
शुभ-मांगलिक कार्यों पर रहेगी रोक
शास्त्रों में चंद्र ग्रहण को महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक रूप से भी विशेष महत्व है। वहीं, ज्योतिषों और शास्त्रों की मानें तो इस दिन किसी भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य की मनाही होती है। इस दौरान अपने ईष्ट देव की अराधना मन ही मन की जाती है। वहीं, मंदिरों के भी पट बंद कर दिए जाते हैं।
चंद्रग्रहण का समय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 19 नबंवर 2021 को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर लगभग 11 बजकर 30 मिनट पर लगेगा। चंद्र ग्रहण का समापन शाम 05 बजकर 33 मिनट पर होगा। कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने वाला वर्ष 2021 का आखिरी चन्द्र ग्रहण आंशिक रहेगा यानी इस चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक नहीं लगेगा। पौराणिक मान्यताओं के आधार पर ऐसा माना जाता है कि पूर्ण ग्रहण की स्थिति में ही सूतक नियमों का पालन किया जाता है। आंशिक, खंडग्रास ग्रहण की स्थिति सूतक काल प्रभावी नहीं होता है। मान्यता है कि सूतक काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। वहीं सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
कहां-कहां दिखेगा ग्रहण
इस चंद्रग्रहण को भारत समेत यूरोप और एशिया के ज्यादातर हिस्सों में देखा जा सकेगा। इसके अलावा यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर में दिखाई देगा। वहीं भारत में असम और अरुणाचल प्रदेश सहित भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लोग इस खगोलीय घटना को देख सकते हैं।