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3 हैंडबैग लेकर लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं महुआ मोइत्रा, पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में सांसद महुआ मोइत्रा की जाएगी संसद की सदस्यता?

3 हैंडबैग लेकर लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं महुआ मोइत्रा, पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में सांसद महुआ मोइत्रा की जाएगी संसद की सदस्यता?

दिल्ली-  तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा 'रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने' के मामले में गुरुवार को लोकसभा की आचार समिति की समक्ष पेश हुईं।भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने मोइत्रा को इस मामले में पूछताछ के लिए तलब किया था।इस मामले के संदर्भ में वकील जय अनंत देहाद्रई और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पिछले दिनों लोकसभा की आचार समिति के समक्ष पेश होकर अपने बयान दर्ज करवाए थे।भाजपा सांसद दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे। उन्होंने शिकायत में कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडाणी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता।तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोइत्रा ने आरोपों को ‘ठुकराए हुए पूर्व प्रेमी’ का झूठ करार देते हुए खारिज कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अडाणी समूह उन्हें निशाना बनाने के लिए उनके पीछे पड़ा है क्योंकि वह समूह से जुड़े लेन-देन पर लगातार सवाल उठा रही हैं। हीरानंदानी ने एक हस्ताक्षरित हलफनामे में स्वीकार किया है कि मोइत्रा ने प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने और उन्हें असहज करने के लिए गौतम अडाणी पर निशाना साधा।

केंद्रीय मंत्रालयों से मिली रिपोर्ट और दस्तावेजों के आधार पर लोकसभा की एथिक्स कमेटी महुआ मोइत्रा से पूछताछ कर रही है.  कमेटी ने 26 अक्टूबर को गृह मंत्रालय, सूचना प्रौद्योगिकी और विदेश मंत्रालय से जानकारी मांगी थी. एथिक्स कमेटी ने इस बात की भी जांच कर रही है कि मोइत्रा के भारत में रहने के दौरान उनकी पार्लियामेंट्री ID से दुबई में लॉगिन किया गया था या नहीं. कमेटी ने ड्रेस मंगाए हैं और उसके रजिस्टर्ड पते को भी नोट किया किया है.

बता दें कि इससे पहले महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की एथिक्स कमेटी के अधिकार क्षेत्र पर ही सवाल उठा दिया है। उन्होंने एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष को चिठ्ठी लिख कर कहा है कि संसदीय समितियों को आपराधिक मामलों में जांच का कोई अधिकार नहीं है, अपराधिक मामलों की जांच सिर्फ जांच एजेंसियां ही कर सकती हैं। यह वही महुआ मोइत्रा है, जो कल तक गौतम अडानी पर आरोप लगा कर संयुक्त संसदीय समिति से जांच करवाने की मांग कर रही थीं। 

असल में महुआ को डर सता रहा है कि उनकी लोकसभा सदस्यता जाने वाली है, क्योंकि खुद पर लगाए गए आरोपों में से ज्यादातर उन्होंने एथिक्स कमेटी के सामने जाने से पहले ही कुछ टीवी चेनलों को दिए इंटरव्यू में कबूल कर लिए हैं। अभी कुछ और बातें भी सामने आ रही हैं, जैसे उन्होंने बिना लोकसभा सचिवालय को सूचित किए दुबई की 47 यात्राएं की थीं। इन 47 यात्राओं के टिकटों का मामला भी सामने आ रहा है, जो कथित तौर पर उनके अकाऊंट से नहीं खरीदी गई थीं।उनकी ताज़ा चिठ्ठी इस बात का संकेत है कि उन्हें संसद से बर्खास्त किए जाने की सिफारिश का अंदेशा है।  एथिक्स कमेटी को लिखी चिठ्ठी में उन्होंने उनके खिलाफ हल्फिया बयान देने वाले दर्शन हीरानन्दानी के सामने बैठ कर काउन्टर सवाल किए जाने की इच्छा जताई है।यह एक ऐसी इच्छा है कि अगर एथिक्स कमेटी उनकी यह मांग पूरी नहीं करती, तो उनके सुप्रीमकोर्ट जाने का रास्ता खुलेगा। 

बता दें साल 2005 में जब संसद से प्रस्ताव पास करके 11 सांसदों की सदस्यता खत्म की गई थी, तो वे सुप्रीम कोर्ट गए थे। उनकी तरफ से वैसे तो प्राणनाथ लेखी प्रमुख वकील थे,र राम जेठ जेठमलानी भी पेश हुए थे। चीफ जस्टिस वाई.के. सब्बरवाल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पीठ ने सुनवाई की थी। पीठ में तीन बनाम दो जजों के बहुमत के आधार पर सुप्रीमकोर्ट ने सांसदों की याचिका अस्वीकार कर दी थी।एक तरह से सुप्रीमकोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच यह स्वीकार कर चुकी है कि संसद को अपने सदस्य को बर्खास्त करने का अधिकार है। हालांकि इससे पहले भी तीन सांसद बर्खास्त किए जा चुके थे। सबसे पहले 1951 में कांग्रेस के सांसद एच. जी. मुद्गल को पैसे लेने के आरोप में, 1976 में आपातकाल के दौरान सुब्रहमन्यम स्वामी को देश विरोधी प्रोपेगंडा के आरोप में (हालांकि वह भारत में लगाए गए आपातकाल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे), 1977 में इंदिरा गांधी की सदस्यता खत्म की गई थी। 2005 में लोकसभा के दस और राज्यसभा के एक सांसद के बाद 2016 में विजय माल्या की सदस्यता भी प्रस्ताव पास करके खत्म की जा चुकी है।

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