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आंधी -बारिश के कारण से मक्के की फसल तबाह, मेहनत को बर्बाद होता देख किसानों के निकले आंसू

 आंधी -बारिश के कारण से मक्के की फसल  तबाह, मेहनत को बर्बाद होता देख किसानों के निकले आंसू

SUPAUL : जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत कुशहा पंचायत में बीते 19 अप्रेल 2022 की देर रात आई तेज आंधी बारिश ने एक बार फिर से किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। रात में आई तेज हवा के कारण से प्रखंड क्षेत्र में 1000 हजार हेक्टेयर से ज्यादा मक्का की फसल के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं तेज हवा के बाद हुई बारिश से कई कच्चे मकान भी क्षतिग्रस्त होने की ग्रामीणों से सूचना मिली है। किसानों ने बताया  आय के साधन किसानी व आम के बगीचे हैं। इस बार मक्के की फसल काफी अच्छी थी। तूफान का कहर का असर के बीच तेज आंधी-बारिश के कारण टिकोले भी गिरकर बर्बाद हो गये। मक्के की फसल चौपट हो गयी। बारिश से किसानों को काफी क्षति हुई है। 

किसानों ने कहा कि पिछले समय भी बाढ़ से प्रखंड क्षेत्र में धान का फसल बर्बाद हो गया था, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजे नहीं मिला है। आंधी व बारिश ने किसानों को बेचैन कर दिया है। किसान खेतों में तैयार मकई की फसल को गिरा देख वह अपनी किस्मत का रोना रो रहे हैं। कोरोना वायरस के बाद प्रकृति की इस मार ने किसानों के चेहरों पर चिता की लकीरें ला दी है। वही कुशहा पंचायत के पंचायत समिति बोधी यादव ने कहा सैकड़ों किसान की बीती रात तेज आंधी एवं बारिश से किसान की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मेरा खुद भी एक ऐकर मक्के बर्बाद हो गया है।  उन्होंने कहा कि पहले तेज आंधी आयी और फिर उसके बाद प्रखंड में झमाझम बारिश से खेतों पर तैयार हो रही फसलें बर्बाद हो चुकी है। 

उन्होंने किसानों की कर्ज माफी कर उचित मुआवजा देने की मांग सरकार से की है। बोधी यादव ने कहा कर्ज लेकर हम लोग इस बार मक्का की खेती किए थे। लेकिन बीती रात तेज आंधी ने पूरी क्षति कर दिया है। जो किसानों की कमर टूट चुकी है। मक्का काे भारी नुकसान हुआ है। क्षतिग्रस्त किसानों को सरकार की ओर से मुआवजा नहीं मिलने कारण  काफी नाराजगी देखी जाती है।

 देखना होगा कि सरकार इन किसानों के लिए क्या कुछ कर पाते हैं।

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