ARWAL : अरवल जिले के करपी थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव निवासी मेजर मनोज कुमार ने देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इस घटना की सूचना इनके पिता अशोक कुमार प्रभाकर को मंगलवार की सुबह 9 बजे मिली। पिता आर्मी से रिटायर होने के बाद रेलवे में नौकरी करते हैं। सूचना मिलते ही उनके होश उड़ गए।
उन्होंने बताया कि सोमवार की रात व्हाट्सएप कॉल से मेजर के शहीद होने के बारे में सूचना दी गई। हालाँकि मेजर की मौत कैसे हुई। इसके बारे में परिजनों को नहीं मिली है। वह हसमुख प्रवृत्ति का लड़का था और काफी संजीदगी से बात किया करता था। लेकिन अचानक मंगलवार की सुबह 9 बजे मोबाइल पर यह मनहूस खबर मिली। उन्होंने बताया कि मनोज कुमार भारत चीन सीमा पर अरुणाचल प्रदेश में तैनात था। नालंदा सैनिक स्कूल से पास करने के बाद जून 2016 में एनडीए कंप्लीट कर सेना में योगदान दिया था। मात्र डेढ़ वर्ष पूर्व इसकी धूमधाम से शादी हुई थी। शादी के बाद सभी परिवार कानपुर में रहते हैं।
घटना की सूचना मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। शहीद मेजर अपने गांव में काफी लोकप्रिय थे। पिता ने बताया कि उनके 6 पुत्र हैं। जिनमें सबसे बड़ा पुत्र मेजर मनोज कुमार थे। घटना के संबंध में जानकारी देते हुए इन्होंने बताया कि सिर्फ इतना जानकारी है कि ड्यूटी करते समय बेटा शहीद हो गया। विस्तृत जानकारी सेना मुख्यालय से दी गई है। इस संबंध में परिजन भी कुछ नहीं बता पा रहे हैं कि उनकी मौत कैसे हुई है।
इधर डीएसपी राजीव कुमार रंजन ने मेजर मनोज कुमार को शहीद होने की पुष्टि करते हुए बताया कि पार्थिव शरीर बुधवार को लोदीपुर गांव पहुंचने की संभावना है। जहां इनका अंतिम संस्कार अरवल सोन नदी में सैनिक सम्मान के साथ किया जाएगा।
अरवल से कुंदन की रिपोर्ट