PATNA : कभी लालू के मुरीद रहे पूर्व सीएम और HAM के चीफ जीतन राम मांझी आज लालू यादव के ध्रुव विरोधी हो गए हैं. महागठबंधन छोड़कर नीतीश कुमार के सिपाही बनने के बाद मांझी अपना रोल बखूबी निभा रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद के निधन के बाद उनकी चिट्ठी पर अब सियासत तेज हो गई है.
लालू के बेटों को बताया नकारा
स्वर्गीय रघुवंश प्रसाद सिंह ने अस्पताल से जो चिट्ठी लिखी उस पर अब बिहार में सियासत तेज हो गई है. पूर्व सीएम मांझी ने रघुवंश प्रसाद के निधन के बाद लालू परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मांझी की पार्टी ने पटना में कई पोस्टर लगवाए हैं. इस पोस्टर में रघुवंश प्रसाद की चिट्ठी को रखा गया है और लालू परिवार पर हमला करते हुए यह लिखा गया है कि अपने नाकारे बेटों के लिए और कितनों की बलि लेंगे होटवार जेल सुप्रीमो.इसके साथ ही मांझी की पार्टी ने ऐलान किया है कि आखिरी वक्त में रघुवंश प्रसाद ने जो चिट्ठी लिखी है उसे गांव गांव तक ले जाया जाएगा.
इससे पहले भी जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लिखा था कि 'रघुवंश बाबू को मानसिक पीड़ा देने वाले आज घड़ियाली आंसू बहा रहें हैं।रघुवंश बाबू का भले ही आकस्मिक निधन हुआ है पर मैं मानता हूँ कि लालू परिवार ने साज़िशन उनको प्रताड़ित कर उनकी हत्या की है.'
मांझी लगातार रघवुंश प्रसाद की लिखी चिट्ठी को लेकर राजद पर हमला कर रहे हैं लेकिन फिलहाल राजद की तरफ से कोई पलटवार अबतक नहीं हुआ है. देखना है कि मांझी को लेकर राजद कब मोर्चा खोलता है.