PATNA : आज बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. हालाँकि आज ही उन्होंने अपना कार्यभार संभाला था. लेकिन राजनीतिक गलियारे में एक सवाल उठाया जा रहा है की जब मेवालाल से इस्तीफा लेना ही था तो उन्हें मंत्री पद का शपथ क्यों दिलाया गया. इसके पीछे की क्या इनसाइड स्टोरी है.
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद एनडीए को 125 सीटें मिली है. जिसके बाद राज्यपाल फागु चौहान ने नीतीश कुमार को सरकार बनाने का न्योता दिया. उनके साथ 14 अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. मेवालाल चौधरी को भी इसमें जगह दिया गया. जिनपर शिक्षा घोटाला का आरोप है. माना जा रहा है की उनके मंत्री बनने के बाद हंगामा नहीं होता तो वे जदयू कोटे के मंत्री होते.
लेकिन हंगामा हो जाने के बाद उनसे इस्तीफा ले लिया जायेगा. जिससे सुशासन बाबू की छवि बरक़रार रह जाएगी. वहीँ दूसरा कारण यह भी था की जेडीयू कोटे के सभी पांच मंत्री अलग-अलग जाति के हैं, विजय चौधरी- भूमिहार, विजेंद्र यादव- यादव, अशोक चौधरी- पासी, मेवालाल चौधरी-कुशवाहा, शीला मंडल- ईबीसी जाति से हैं. माना जा रहा है कि नीतीश ने मेवालाल चौधरी को कैबिनेट में बिहार में 4.5% कोइरी यानि कुशवाहा वोटर को ध्यान ने रखकर शामिल किया था.