पटना: खबर पटना से आ रही है जहां पटना के महिला थाना में इमारत-ए-शरिया के नाजिम के खिलाफ छेड़खानी और जबर्दस्ती का मामला दर्ज किया गया है. पीड़ित महिला की लिखित शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. महिला ने पुलिस को बताया है कि वह काम (नौकरी) के लिए बात करने मौलाना के घर पर गई थी. इसी दौरान मौलाना ने कमरे का दरवाजा बंद कर उसके साथ गलत काम किया. महिला के लाख रोने-गिड़गिड़ाने का मौलाना पर कोई असर नहीं हुआ. इमारत-ए-शरिया का मुख्यालय बिहार की राजधानी पटना से सटे फुलवारीशरीफ में है. इस संस्था का मुसलमानों के बीच काफी प्रभाव है. यह संस्था मुसलमानों को मजहबी मामलों के साथ ही घरेलू मसलों में भी मार्गदर्शन करती है. संस्था की ओर से कई तरह के सामाजिक कार्य भी किए जाते हैं. नाजिम इस संस्था के काफी शीर्ष अधिकारी हैं. यह गंभीर आरोप मो शिब्ली कासमी पर लगा है जो इमारत-ए-शरिया के नाजिम हैं.
उनके खिलाफ आइपीसी की धारा 354 (बी) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. पीड़ित महिला के मुताबिक यह मामला करीब 11 महीने पुराना है. लॉकडाउन के दौरान आर्थिक परेशानी झेल रही महिला को काम की तलाश थी. इसी सिलसिले में महिला ने नाजिम से संपर्क किया था. नाजिम ने महिला को मदद का भरोसा दिलाते हुए अपने घर पर बुलाया था।फिर मदद के बहाना महिला का शोषण किया. महिला के मुताबिक पिछले साल 22 अप्रैल को वह मौलाना के घर गई थी. महिला के साथ उसके बच्चे भी थे। सुबह के करीब छह बजे जब महिला मौलाना के घर पहुंची तो वहां दूसरा कोई नहीं था. महिला जब उनके घर पहुंची तो मौलाना ने उसे घर के अंदर बुला लिया, लेकिन बच्चों को बाहर ही छोड़कर दरवाजा बंद कर दिया. इसके बाद मौलाना ने गलत हरकत को अंजाम दिया. इस मामले में करीब 11 महीने की देरी से पुलिस के पास पहुंचने पर सवाल उठ रहे हैं. जिसका जवाब महिला ने अपनी शिकायत में ही दिया है.
महिला के मुताबिक मौलाना और उनके कुछ करीबी उसे लगातार धमका रहे थे. ये लोग उसके घर तक जा रहे थे। इनके डर से ही प्राथमिकी दर्ज कराने में देरी हुई. सूत्रों से मिली जानकारी पर यकीन करें तो पुलिस को इस मामले में आवेदन करीब एक पखवारा पहले ही मिल गया था, लेकिन काफी काफी हाई प्रोफाइल केस होने के कारण पुलिस ने हर तरह से जांच के बाद ही प्राथमिकी दर्ज की है. महिला ने अपने आवेदन में दावा किया है कि उसके पास मौलाना के कुछ वीडियो हैं. कई बार ऐसा होता है की महिला लोक लाज के कारण ये नहीं कह पाती जिससे उसका फायदा उठाया जाता है अब सच कौन बोल रहा है ये पुलिस के जांच के बाद लोगों के सामने आ जायेगा.